अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट ने ई-कॉमर्स सेक्टर में एफडीआई के संशोधित नियमों का अनुपालन करने के लिए एक फरवरी की डेडलाइन को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है। कंपनियों का कहना है कि उन्हें नए नियमों को समझने के लिए थोड़ा और समय चाहिए।
नए नियम जिन्हें कि 1 फरवरी से लागू किया जाना है- अमेजन और फ्लिपकार्ट को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये दोनों ही देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां हैं। दिसंबर में ई-कॉमर्स क्षेत्र की कंपनियों के लिए नए दिशानिर्देशों की घोषणा की गई थी, जिसमें एफडीआई वाले ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर उन कंपनियों के प्रोडक्ट्स बेचने से रोक लगाई गई है, जिनमें उनकी हिस्सेदारी है। इसके अलावा इन प्लेटफॉर्म पर उत्पादों की एक्सक्लूसिवली बिक्री पर भी पाबंदी लगाई गई है।
एक अन्य प्रावधान कहता है कि अगर किसी भी विक्रेता के माल की 25 फीसद से अधिक खरीद मार्केटप्लेस इकाई की ओर से की जाती है तो उनकी इन्वेट्री (माल के स्टॉक) को मार्केटप्लेस चलाने वाली कंपनी के नियंत्रण वाली माना जाएगा।
अमेजन इंडिया के प्रवक्ता ने बताया, “हम नई पॉलिसी में हुए परिवर्तनों पर सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं। जैसा कि हम स्पष्टता चाहते हैं, हमने सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि इसमें चार महीनों का विस्तार दिया जाए।” प्रवक्ता ने आगे कहा कि हमारे साथ चार लाख से अधिक विक्रेता जुड़े हुए हैं और अमेजन इंडिया मार्केटप्लेस में रोजाना बड़ी मात्रा में लेनदेन होता है लिहाजा कंपनी को नीतियों मं हुए बदलावों को समझने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए।
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