देहरादून/चमोली। ड्रैगन की बुरी निगाहें एकबार फिर भारत पर हैं। चीन ने उत्तराखंड के रास्तेर भारत में घुसपैठ का दुस्साहस किया है। भारत- चीन सीमा से जुड़े चमौली जिले में चीन के सैनिक नागरिक वेशभूषा में घुस आए हैं। चमौली जिले के बाराहोती में चीनी हेलीकाप्टर भी नजर आया है। उत्तराखंड के मुख्य मंत्री हरीश रावत ने चीनी घुसपैठ की पुष्टि है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक बीते एक महीने में दूसरी बार चीन ने भारत में अनधिकृत प्रवेश किया है। चीनी घुसपैठ को लेकर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने उत्तभराखंड के मुख्यशमंत्री से रिपोर्ट मागी है। केंद्र सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 29 जुलाई को उ’चक स्तरीय बैठक बुलाई है।
चीन भारत में घुसपैठ कर लगातार भारत को चुनौती दे रहा है। बताया जा रहा है कि चीनी सेना और भारतीय सैनिक सीमा पर करीब एक घंटे तक आमने-सामने खड़े रहे। यह घटना 19 जुलाई की बताई जा रही है। सूचना के मुताबिक जिले के बाराहोती इलाके में यह घुसपैठ हुई थी। जानकारी के अनुसार चमोली जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में इससे पहले भी 2013-14 में कई बार चीनी सैनिक आ चुके हैं और पत्थरों पर चीन लिखकर जा चुके हैं। यहां पर करीब 80 वर्ग किलोमीटर की सीमा चीन से मिलती है। हाल ही में लेह इलाके में चीन की ओर से आ रहे जासूसी भरे फोन कॉल्स में आईएसआई की मिलीभगत भी सामने आई थी। अब चीन ने उत्तजराखंड के रास्ते के रास्तेे भारत में घुसपैठ की है। चीन का हेलीकाप्टिर बाराहोती इलाके में पांच मिनट से ज्यादा समय तक मौजूद रहा है।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक हेलीकाप्टर के जरिए चीनी सैनिकों ने नागरिक वेशभूषा में भारत में प्रवेश कर लिया है। बीती 19 जुलाई को आईटीबीपी के महानिदेशक ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को रिपोर्ट भेजकर चीन की भारत में घुसपैठ को स्वीकार किया था। अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चीनी घुसपैठ की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मसले पर जल्द ही जरूरी कदम उठाना चाहिए। रावत का कहना है कि उत्तराखंड की सीमा पर चीन की सक्रियता काफी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को इस संबंध में जानकारी दे दी है। इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है।
सीमावर्ती इलाकों में चीन लगातार घुसपैठ और जासूसी में जुटा है। हाल में लेह क्षेत्र में चीनी जासूसों ने भारतीय सेना के मूवमेंट और उसकी पोजीशन की जानकारी हासिल करने के लिए स्थानीय ग्रामीणों को फोन किए थे। इन कॉल्स में उन्होंने ख़ुद को भारतीय सेना का अफसर बताया था। खुफिया सूत्रों के मुताबिक इन हरकतों में चीन के साथ आईएसआई भी सक्रिय है। गौरतलब है कि वर्ष 2004-05 में चीन त्रिशूल पर्वत पार कर हेलंग और आसपास के गांवों में घुस गया था। नागरिक वेशभूषा में चीन के सैनिकों ने इन क्षेत्रों में अपने टेंट लगाकर कब्जा भी कर लिया था। उस समय भी उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी और नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री थे। तिवारी ने तत्काल गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजकर बिगड़ते हालात पर चिंता जताई थी। जिसके बाद सेना ने चीन को वापस खदेड़ दिया था।