नई दिल्ली। देशद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ की भारतीय इकाई ने मंगलवार को अपनी सफाई में कहा है कि नीतियों के आधार पर वह किसी के भी आत्मनिर्णय (सेल्फ डिटर्मिनेशन) की मांग के खिलाफ या पक्ष में नहीं है। एमनेस्टी ने कहा है कि संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए आयोजित एक समारोह को ”भारत विरोधी” और ”आपराधिक” बताया जा रहा है ।एमनेस्टी का यह बयान सोमवार को बैंगलुरू में दर्ज किए गए एक एफआईआर के बाद आया है, जिसमें उसके खिलाफ ”देशद्रोह” का आरोप लगाया गया है। एमनेस्टी इंडिया ने बंगलुरु में कश्मीर के हालातों पर एक सभा का आयोजन किया था जिसमें आतंकवाद से प्रभावित कुछ लोगों को आमंत्रित किया गया था। इस दौरान वहां ”आज़ादी” के नारे लगाए गए थे। इस नारेबाजी के दौरान कश्मीरी पंडितों के गुट से नारेबाजों की भिड़त भी हो गई।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ऐबीवीपी) ने एमनेस्टी के विरुध्द बंगलुरु में एफआईआर दर्ज कराइ थी। सूत्रों के अनुसार एफआईआर में कथित तौर पर ‘देशद्रोह’, ‘अवैध सभा आयोजित करने’, ‘दंगे भड़काने ‘ और ‘शत्रुता को बढ़ावा देने’ का उल्लेख है। हालांकि एमनेस्टी का कहना है अभी तक उसे एफआईआर की कॉपी नहीं मिली है। एमनेस्टी के बयान में कहा गया है एमनेस्टी के खिलाफ शिकायत और राजद्रोह का मामला दर्ज करना भारत में स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों में विश्वास की कमी को दर्शाता है। ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया’ मानता है कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों में शांतिपूर्ण ढंग से राजनीतिक समाधान की वकालत करने के अधिकार भी शामिल है। परंतु भेदभाव, दुश्मनी या हिंसा को शह नहीं दिया जाना चाहिए। बयान में कहा गया है कि एमनेस्टी की परिकल्पना है कि भारत के हर नागरिक को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों और भारत के संविधान के अनुसार अधिकार मिले। हमारा किसी राजनीतिक, आर्थिक और वैचारिक संगठन से कोई संबंध नहीं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। वहीं दूसरी तरफ ऐबीवीपी ने बुधवार को कर्नाटक में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की घटना यहां नहीं दोहराई जाएगी। कर्नाटक में इस प्रकार की गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएगी।