हालांकि, मयंक मुझे ज्यादा पसंद नहीं आया, लेकिन वह मेरे दोस्तों और परिजनों से मिलने लगा। सभी को वह पसंद आया। सबके कहने पर 2011 में मेरे 29वें जन्मदिन पर मयंक ने अंगूठी दी और शादी का प्रस्ताव रखा, लेकिन जब पता चला कि मयंक मनोरोगी व हिंसक है तो वर्ष 2011 के अंत में मैंने सगाई तोड़ दी। इससे मयंक पागल सा हो गया। वह इतना हिंसक हो गया कि मुझे दोस्तों के घर छिपना पड़ा।
एक बार वह मेरे पीछे चाकू लेकर भी दौड़ा था। परेशान होकर मैंने मुंबई छोड़ दी। इस पर मयंक ने मेरे बारे में खूब गलत बातें भी परिचितों में फैलाईं। इसके बाद परेशान होकर पिता के पास देहरादून चली गईं। मयंक की पत्नी ने मौत से कुछ दिन पहले मुझसे संपर्क किया था। वह जानना चाहती थी कि मैंने सगाई क्यों तोड़ दी थी? मैंने उसे सारी कहानी बताई।
तब उसने कहा कि शादी के बाद से ही मयंक उसे परेशान कर रहा है। वह यह रिश्ता तोड़ना चाहती है। इसके कुछ दिन बाद ही पता चला कि उसकी मौत हो गई है। बता दें कि निहारिका की वजह से ही अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी को अपनी किताब एन आर्डिनरी लाइफ वापस लेनी पड़ी थी। किताब में नवाज ने निहारिका से संबंधों का जिक्र किया था जिसकी उन्होंने शिकायत की थी।