राय से जब पूछा गया कि ऐसे वक्त में जबकि खोखली चीजें और कमजोर बातें भी बढ़ा-चढ़ाकर कही जा रही हैं। सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर हर आदमी अपने आप में बड़ा है, वह एक बौने इंसान की कहानी लेकर आ रहे हैं। हर लघु को विराट बताने वाले इस दौर में कद में छोटे एक आदमी की कहानी कहने की उन्हें क्या जरूरत महसूस हुई, तो आनंद एल राय ने कहा कि ‘फिल्म पर चर्चा बिल्कुल इसी मुद्दे से शुरू हुई थी।
उन्होंने कहा कि आज से पांच साल पहले हमारे यहां पर सुपर हीरोज की कहानियां खूब दिखने लगीं थीं। उनकी बातें होने लगीं, कृष और रावन बनी, छोटे पर्दे पर देसी सुपरहीरो आए। विदेशी सुपर हीरो भी तब आ रहे थे। परंतु मैंने जब भी इन सबको देखा तो लगा कि हम भारतीय लोग ऐसे नहीं हैं। ये 250 मंजिला बिल्डिंग पर खड़ा आदमी, सुपरहीरो अच्छा तो लगता है, अभी हाथ ऊपर करेगा और उड़ जाएगा। यह अपनी बहादुरी से, बातों से प्रेरित भी करेगा। मुझे लगा कि विदेशियों की कहानियों में सुपर हीरो उड़ सकता है परंतु हमारी कहानियों में अभी उसे उड़ने में वक्त है।’
राय ने कहा,’तब एक बात आई थी, अभी हम कद में छोटे हैं। इस बात ने मुझे प्रेरित किया कि मैं एक कद में बौना कहे जान वाले इंसान की कहानी सुनाऊंगा। जो कि मेरे मन में हमारी असलीयत है। वहां से यह कहानी शुरू हुई। इस बीच जीरो को लेकर कुछ नई बातें सामने आई हैं। कहा जा रहा है कि शाहरुख का किरदार एक एलियन यानी दूसरे ग्रह से आए व्यक्ति का है। शाहरुख ऐसे ग्रह से धरती पर आए इंसान के रूप में दिखेंगे, जो यहां के लोगों को जिंदगी जीना सिखाएगा इसीलिए फिल्म के एक हिस्से की शूटिंग अमेरिका के कुछ प्रांतों और उसके अंतरिक्ष केंद्र नासा में हुई। शाहरुख के किरदार को एक अंतरिक्ष सैटेलाइट के जरिये धरते पर आता दिखाया गया है। वह बताएंगे कि जिस ग्रह से वह आए हैं वहां के लोगों का औसत कद और शारीरिक बनावट छोटी ही होती है। अत: इस छोटे कद को कमतर या अधूरा मानने की बात बेकार है।’
चर्चाओं की मानें तो फिल्म इंसानी किरदारों में अधूरेपन को नजरअंदाज करके जिंदगी को उसी रूप में जीने का सबक देगी, जैसी वह सामने आती है। फिल्म में कटरीना कैफ जहां अपने ढलते करिअर से परेशान फिल्म अभिनेत्री के रूप में दिखेंगी, वहीं अनुष्का शर्मा नासा में काम करने वाली ऐसी वैज्ञानिक बनी हैं जिनका आईक्यू लेवल एक बीमारी से ग्रस्त होने के बाद कम हो जाता है। वह जीवन में आई इस समस्या से जूझने लगती हैं। फिल्म में शाहरुख इन लोगों के माध्यम से यही सिखाएंगे कि बड़ा बनना सिर्फ ऊंचाइयों को छूकर ही नहीं होता। जिंदगी जिंदादिली का नाम है। हालांकि आनंद एल राय फिलहाल फिल्म की कहानी और इसके किरदारों पर बात करने को राजी नहीं हैं। वह मुस्कुरा कर कहते हैं, ‘बस थोड़े दिन और, फिर इनके बारे में विस्तार से बात करेंगे।’