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कन्हैया मामला: देशद्रोह का केस चलाने की मंजूरी देने से पहले दिल्ली सरकार कर रही ये काम

भारत विरोधी नारे लगाने और नफरत भड़काने के आरोप में घिरे कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) पर देशद्रोहका मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से पहले दिल्ली सरकार (Delhi Government) कानूनी राय ले रही है। वर्तमान में यह फाइल दिल्ली सरकार के गृह मंत्री के पास है। सरकार के सूत्रों की मानें तो उनके पास इसे मंजूरी देने के लिए कम से कम तीन माह का समय है।

बता दें कि देशद्रोह के मामले में पुलिस को राज्य सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर वर्ष 2016 में जेएनयू परिसर में लगे भारती विरोधी नारे और नफरत फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने बीते सोमवार को आरोपत्र दाखिल किया है। कन्हैया कुमार पर देशद्रोह समेत 8 धाराएं लगाई गई है।

देशद्रोह के मामले में दिल्ली सरकार के कानून विभाग से दिल्ली पुलिस को अनुमति लेना अनिवार्य है। उसके बाद यह फाइल एलजी के पास जाएगी। उनकी अनुमति के बाद दिल्ली पुलिस को आगे बढ़ने की अनुमति होती है। पुलिस ने 14 जनवरी को ही दिल्ली सरकार के गृह विभाग को फाइल भेज दी है। मगर अभी तक फाइल को अपनी मंजूरी नहीं दी है। सरकार के सूत्र सुप्रीम कोर्ट के सुब्रमण्यम स्वामी बनाम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक मामले का हवाला देते हुए कह रहे है कि दिल्ली सरकार के पास इसकी मंजूरी देने के लिए तीन माह का समय है।

दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2016 में जेएनयू परिसर में लगे भारत विरोधी नारे को लेकर जेएनयू के 9 छात्रों देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था। आरोपियों में 7 कश्मीरी भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस ने अपने 1200 पेज के आरोपपत्र में कई गवाहों, वीडियो फुटेज का हवाला देते हुए आरोप लगाया है। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान जब नारे लग रहे थे तब तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार वहां मौजूद थे।

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