नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने सोमवार को कश्मीर की ताज़ा स्थिति पर विचार विमर्श के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जिसमें जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती भी शामिल हुई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुयी इस बैठक में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह भी थे। सूत्रों के अनुसार बैठक में राज्य की ताज़ा स्थिति पर चर्चा हुयी और कश्मीर में एक राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने की सम्भावना पर विचार विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से उनके कार्यालय में मुलाकात के दौरान कहा कि राज्य में शांति की स्थापना करने हेतु सरकार को विश्वास बहाली के उपायों को उठाना चाहिए ताकि लोगों के दिलों को जीता जा सके, इसके लिए राज्य सरकार को केन्द्र सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी।अपनी इस मुलाकात के दौरान महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों के कश्मीर घाटी में पुनर्वास का मुद्दा भी उठाया और राजनाथ सिंह को बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार कश्मीरी पंडितों को घाटी में फिलहाल रहने के लिए अस्थायी जगह मुहैया करवाएगी जब तक कि उनके पैतृक निवास स्थान पर उनके रहने का इंतजाम नहीं हो जाता है। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के दिलों को जीतने के लिए वही कदम उठाने की आवश्यकता है जैसे वाजपेयीजी के कार्यकाल में उठाये गए थे । उन्होंने कहा जम्मू और कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक सेतु का काम कर सकता है यदि दोनों देशों के बीच बातचीत की उचित प्रक्रिया शुरू की जाये। महबूबा मुफ़्ती ने कहा यदि कश्मीरी लोगों के साथ बातचीत की प्रक्रिया राज्य में स्थिति सुधार सकती है तो यह (बातचीत) किया जाना चाहिए क्योंकि यह लोग हमारे अपने हैं। उन्होंने लोगों के घाव भरने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और कहा कि बातचीत की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। महबूबा मुफ़्ती ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर का लाभ उठाएंगे और जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ उनकी समस्याओं का हल निकालने के लिए उनसे बातचीत करेंगे। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार से राज्यवासियों को बहुत उम्मीदें है व राज्य में विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को केन्द्र की मदद की जरूरत है ताकि विकास कार्यों में तेजी लाई जा सके । सितम्बर 2014 में जो राज्य में विनाशकारी बाढ़ आई थी उस समय जो परियोजनाएं बंद हुई थी उनको दोबारा से शुरू करवाया जाना चाहिए। केन्द्रीय गृह मंत्री ने महबूबा मुफ्ती को भरोसा दिलाया कि राज्य में शांति की बहाली हेतु व विकास कार्यों में तेजी लाने हेतु केन्द्र सरकार राज्य सरकार की पूरी मदद करेगी। कश्मीर में पिछले लगभग एक महीने से अधिकांश जगहों पर कर्फ्यू लगा हुआ है और सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हिज़्बुल आतंकी बुरहान वानी की सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मृत्यु के पश्च्यात घाटी में स्थिति तनावपूर्ण है और समाचारों के अनुसार वानी की मृत्यु के पश्च्यात लगभग 60 लोगों की जान गयी है। सोमवार को ही राज्य सभा में विपक्ष ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह कश्मीर स्थिति में सुधार लाने के लिए एक राजनीतिक प्रक्रिया आरम्भ करें और इसे केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा न समझें। राज्य सभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि स्वतंत्र भारत में किसी भी इलाके में इतने लंबे समय तक कर्फ्यू नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को जम्मू कश्मीर की स्थिति पर संसद में वक्तव्य देना चाहिए ताकि देश में सब को पता चले कि कश्मीर में क्या हो रहा है ।