ऐसा दृख्य जिस पर मौत भी जार-जार रोई। किसी का सिर रेलवे ट्रैक पर पड़ा था तो धड़ अस्पताल लाया जा सका था। पूरा मंजर इतना दर्दनाक की जो भी देखता सिसक पड़ता। जलते हुए रावण को देख रहे कई घरों के चिराग बुझ गए हैं। मासूम बच्चों की लाशों को सीने से लगाकर फूट-फूटकर रो रहे लोग उस घड़ी को कोस रहे हैैं जब रावण का दहन देखने जोड़ा फाटक गए थे। प्रशासन पहले सोया रहा, अब रात-रात जागकर मृतकों के परिवारों से शोक व घायलों के जिस्म पर संवेदना का मरहम लगाने का अर्थहीन प्रयास कर रहा है। घटना में मारे गए लोगों के अंग भंग हो चुके हैं। शवों की क्षत-विक्षत तस्वीरें विचलित करने वाली हैं, इसलिए इन्हें दिखाना संभव नहीं। जरा सोचिए जिन मृतकों की तस्वीरों को हम और आप देख नहीं सकते, उनके परिजनों के दिल पर क्या बीतती होगी।
लाशों को सीने से लगाकर रोते लोग, पिता को बेटे का धड़ गुरु नानक देव अस्पताल में मिला, सिर रेलवे ट्रैक पर
दशहरा मेले में 18 वर्षीय मनीष उर्फ आशु भी पहुंचा था। घटना के बाद परिवार वाले उसे तलाशने के लिए रेलवे ट्रैक पर पहुंचे। क्षत-विक्षत लाशों के बीच मनीष नहीं मिला। उसके पिता विपिन कुमार ने बताया कि वह सिविल अस्पताल, गुरु नानक देव अस्पताल व निजी अस्पतालों में भी गए, पर उसके बारे में कुछ पता नहीं चल सका। इसके बाद मनीष की फोटो सोशल मीडिया पर भेजी गई। शनिवार सुबह पता चला कि रेलवे ट्रैक से एक युवक का कटा हुआ सिर बरामद हुआ है। यह सिर मनीष का था। विपिन ने बताया कि मनीष का धड़ गुरु नानक देव अस्पताल में था और सिर रेलवे ट्रैक पर। छोटे भाई रिशु ने बताया कि मनीष 12वीं कक्षा का छात्र था। शाम पांच बजे दशहरा देखने गया था।
मनीष की फाइल फोटो व रेलवे ट्रैक से बरामद हुआ सिर दिखाते हुए उसके चाचा।
मां अभी भी कर रही बेटे के आने का इंतजार
जूते बनाकर परिवार का पेट पालने वाले विपिन कुमार के लिए बेटे की मौत का गम बहुत बड़ा है। वह अस्पताल में फूट-फूट कर रोए। साथ ही प्रशासन व सरकार को इस घटना के लिए कसूरवार बताया। कहा, मेेरा सब कुछ लुट गया। पत्नी रेखा को अभी तक नहीं बताया कि उसके जिगर का टुकड़ा नहीं रहा। वह तो अभी भी मनीष के आने का इंतजार कर रही है।
संदीप के नन्हें फूल मुरझाए
अभागी मां.. जोड़ा फाटक निवासी संदीप का आंचल सूना हो गया है। दुर्घटना में संदीप ने दो मासूम बच्चों के साथ-साथ अपने पिता को भी खो दिया। सिविल अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में दाखिल संदीप शुक्रवार से ही कोमा में है। उसके पति जितेंद्र सिंह ने बताया कि पत्नी संदीप और दो बच्चे तीन वर्षीय नीरज व छह वर्षीय सोनिया तथा सास मनजीत कौर व ससुर अभय दशहरा देखने गए थे। सभी रेलवे ट्रैक पर खड़े थे। अचानक रेल आई और लोग कटने लगे। संदीप ने दोनों बच्चों को धक्का मारकर पटरियों से दूर कर दिया और खुद भी कूद गई।
उसके सिर पर गहरी चोट लगी और वह मौके पर ही बेहोश हो गई, जबकि दोनों बच्चे सोनिया तथा नीरज भीड़ के पैरों तले दबकर मौत की आगोश में समा गए। दोनों बच्चाें को सिविल अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद ही उन्हें मृत करार कर दिया। जिंतेद्र बोले, बच्चों का अंतिम संस्कार करके आया हूं। घटना के वक्त संदीप के पिता अभय ट्रेन से कट गए और उनकी मौके पर मौत हो गई, जबकि संदीप की मां मनजीत कौर भगदड़ में गिरकर जख्मी हो गई।
पिता के साथ जख्मी हुए बच्चे
दो बच्चों के साथ जख्मी हुए ललित कुमार ने बताया कि ट्रेन के आते ही धक्का लगा। मैं और मेरे दो बच्चे लवकुश तथा संदीप पटरी के किनारे जा गिरे। मेरे हाथ में फैक्चर है और लवकुश के सिर पर गहरी चोट लगी। मैं और मेरे बच्चे सलामत हैं, लेकिन इस घटना में जिन परिवारों के चिराग बुझ गए, उनके बारे में सोचकर ही रूह कांप उठती है।
लोगों को रौंदते हुए निकल गई ट्रेन
बिहार के गोपालगंज के गांव समराल निवासी मतिलाल ने बताया कि ट्रेन आते ही चीखें मच गई। ट्रेन की रफ्तार इतनी थी कि किसी को समझने और संभलने का मौका नहीं मिला। मैं पटरी से कूदकर नीचे उतरा, लेकिन ट्रेन की चपेट में आ गया। छाती की पसलियां टूट गई हैं।
नंदलाल का कट गया कान
बिहार के भागलपुर जिले के गांव माल भंडारीडी निवासी नंदलाल भगत मेले में अकेले गए थे। हादसे से पहले ट्रैक पर खड़े थे। ट्रेन आई और लोग कटते गए। लोगों की धक्का-मुक्की के बीच वह ट्रैक की दूसरी तरफ गिर पड़े। इस दौरान उनका कान कट गया।
पटाखों के शोर में नहीं सुनाई दिया ट्रेन का हॉर्न
10 वर्षीय विशाल अपने पापा राजेश के साथ मेला देखने गया था। भगदड़ में पिता का साथ छूट गया। भीड़ में दब गए, शायद इसलिए बच गए। पिता-पुत्र दोनों सिविल अस्पताल में दाखिल हैं। राजेश के अनुसार पटाखों की आवाज के बीच हमें ट्रेन का हॉर्न सुनाई नहीं दिया।
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पोस्टमार्टम हाउस में बिछ गईं लाशें, पोस्टमार्टम करने वाले स्टाफ भी हो गए द्रवित
अमृतसर के सिविल अस्पताल व गुरुनानक देव अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस में चीख पुकार मची रही। एक के बाद एक शव यहां लाए जाते रहे। परिजनों की चीखों ने पोस्टमार्टम हाउस के स्टाफ की आंखें भी नम हो गईं। शवों का पोस्टमार्टम किया गया। सिविल अस्पताल में 37 शवों का पोस्टमार्टम हुआ, जबकि गुरुनानक देव अस्पताल में 17 शवों के पोस्टमार्टम हुए। क्षत-विक्षत शवों का पोस्टमार्टम करने वाला स्टाफ भी इनकी हालत देखकर द्रवित हो उठे।
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आरएसएस ने जारी किए हेल्प लाइन नंबर
आरएसएस अमृतसर ने सहायता एवं जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। संघ के इस मानवीय सेवा कार्य की ओर से हादसे के शिकार लोगों और पीडि़त लोगों की जानकारी हासिल की जा सकती है। घटना में ज्यादातर लोग यूपी और बिहार के रहने वाले हैैं। जानकारी के लिए इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।
संघ कार्यालय – 01832227356,
संघ कार्यालय – 01832229585,
कंवल कपूर – 9216972700,
रघु – 9464118436
अश्वनी – 9872029987
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मारे गए लाेगों में 39 पुरुष, 7 महिलाएं, 10 बच्चे, पांच की पहचान नहीं, 36 का हुआ अंतिम संस्कार
रेल हादसे में मारे गए लोगों में 39 पुरुष, सात महिलाएं और पांच बच्चे थे। इस हादसे में मारे गए 36 लोगों का शहर के अलग-अलग श्मशान घाटों में शनिवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस हादसे में उत्तर प्रदेश के मरने वाले चार लोगों में से एक का शव उनके पैतृक राज्य भेज दिया गया। शष तीन का अंतिम संस्कार उनके परिजनों यहीं पर कर दिया। डिप्टी कमिश्नर कमलदीप सिंह संघा ने कहा कि जख्मियों के इलाज में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आए, इसके लिए जिले के 8 अस्पतालों में दो-दो नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
मृतकों की सूची-
-सतीश कुमार 12 पिता संधू मेहता. पता गौंबारी, पटना बिहार
-जतिंदर दास, पिता सालिग राम दास, चाचक थाना, शभोर जिला, भागलपुर, बिहार
-शिवम (2) पिता जतिंदर दास, थाना सुभोर, भागलपुर, बिहार
-चंद्रिका यादव पिता भोला यादव, मजोना थाना, गोपालगंज, बिहार
-दिनेश कुमार, पिता श्री राम, सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश
-बुध राम, पिता गंगा राम, सदराभारी, जिला सुल्तानपुर, यूपी.
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-बलबीर सिंह पिता सुमेर ङ्क्षसह, गली नंबर सुंदर नगर अमृतसर
-बृज लाल पिता राम चंद्र, बाबा दीप सिंह नगर, नंगली आबादी, अमृतसर
-अमृतपाल सिंह पिता जोगिंदर सिंह, सरपंच हाउस, मोहकम पुरा, अमृतसर
-नीरज कुमार पिता मुकेश कुमार, धर्मपुरा निकट जोड़ा फाटक, अमृतसर
-दीपक पिता राम तीर्थ, मोहकम पुरा, बिल्ले वाला चौक, अमृतसर
-मिलन पिता मक्कड़, मुस्लिमगंज गली नंबर 2, शिवाला मंदिर, अमृतसर
-सोनिया पुत्री जतिंदर सिंह, जोड़ा फाटक, अमृतसर
-अजय कुमार पिता राम नारायण, जोड़ा फाटक, अमृतसर
– राजबीर सिंह, पिता लाल सिंह, मोहकम पुरा , अमृतसर
– कर्म जोत कौर, पत्नी रवि कुमार, दशमेश नगर, अमृतसर
– निर्मला देवी, पति प्रभु दयाल, दशमेश नगर, अमृतसर
– रजनी, पति गगनदीप, भल्ला राय मोहल्ला, कपूरथला।
-नवनूर बेटी गगनदीप , भल्ला राय मोहल्ला, कपूरथला
-श्यामलाल, पत्नी ओमप्रकाश, दशमेश नगर, अमृतसर
-ठाकुर प्रसाद, पिता जलेसर प्रसाद, माल राड, अमृतसर
-पूजा डोगरा, पत्नी अमन डोगरा, सुंदर नगर गली नंबर 2 अमृतसर
-तिलक राज, पिता प्यारे लाल, जोड़ा फाटक।
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सिविल अस्पताल में पड़े मृतकों के नाम
-तरुण माकन,. पिता कमल माकन, तहसीलपुरा, अमृतसर
-नरिंदर पाल पिता तिलक राज, जोड़ा फाटक,
-विकास कुमार पिता राज कुमार, कृष्णा नगर,
-गुरिंदर कुमार, पिता आत्मा राम, दशमेश नगर
-पवन कुमार, पिता आत्मा राम, दशमेश नगर
-प्रदीप पिता शिव कुमार, जोड़ा फाटक
-सार्थक, पिता राम विलास (3) जोड़ा फाटक
-बॉबी पांडे, पिता उप्पल पांडे, दशमेश नगर
-शिवम (2) पिता जतिंदर दास, थाना सुभोर, भागलपुर, बिहार
-रोहित शर्मा, पिता नंद किशोर, रामानंद बाग
-नकुल डोगरा, (15) पिता अमन डोगरा, जोड़ा फाटक
-अभिषेक 13, पिता दिनेश, पता जोड़ा फाटक
-दलबीर सिंह पिता स्वर्ण सिंह, जोड़ा फाटक
-कुसुम बेटी रामनाथ, जोड़ा फाटक
-वासू (17) पिता विक्की सनोत्रा, शरीफपुरा
-सरवन पिता नाने लाल, जवाहर नगर
-जगदीश पिता स्वामीनाथ, दशमेश नगर
-सन्नी, पिता दर्शन लाल, मोहकमपुरा,
-आकाश पिता अखिल, शिवाला कालोनी, अमृतसर
-सचिन 16 पिता नवजीत सिंह, मोहकमपुरा
-नीतू कुमारी, पत्नी प्रभु दयाल, दशमेश नगर
-मदल लाल पिता हजारी लाल, चौधरी हरी ङ्क्षसह नगर
-राम शंकर पिता बुधु मोहकमपुरा
-नंदनी पत्नी दीपक,
-सर्वेश पिता मेखू राम
-रमेश कुमार,
-दिनेश पिता मंगर दास
-नीरज 2 पिता जतिंदर
-अमन डोगरा, पिता सत पाल
-कशिश 10 पिता अमन डोगरा
-सुरेश पिता सतपाल,
-मुनीष पिता विजय कुमार
-नंद लाल पिता हरी सिंह।