नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग अब केजरीवाल सरकार के उन आदेशों की स्क्रीनिंग कराएंगे, जो बिना उनको विश्वास में लिए लागू किए गए थे। सूत्रों के अनुसार उपराज्यपाल कभी भी दिल्ली के मुख्य सचिव के.के. शर्मा को पत्र लिखकर ऐसे आदेशों की सूची मांग सकते हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा दिये गए सभी आदेशों की सूची उपलब्ध होने के बाद उपराज्यपाल इन सभी आदेशों को जल्द ही रद्द करने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने संबंधी बिल विधानसभा से पास करवाया था। केंद्र सरकार ने यह फाइल भी उपराज्यपाल को लौटा दी है और उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को सूचित कर दिया है कि दिल्ली के विधायकों का वेतन नहीं बढ़ाया जाएगा। इसी तर्ज पर केजरीवाल के तमाम आदेशों को स्क्रीनिंग करके रद्द किया जा सकता है। गत गुरुवार को उच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के अधिकारों पर फैसले देने के बाद दिल्ली सरकार जो भी निर्णय लेगी, उसके लिए उपराज्यपाल से संस्तुति ली जानी जरूरी है। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में साफ किया था कि दिल्ली में पुलिस, जमीन और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों मे आखिरी फैसला केंद्र ही करेगा। इससे पहले दिल्ली सरकार ने वित्तीय मामलों से जुड़े कई आदेश दिये। विभिन्न मंत्रियों के विभागों के लिए कंसलटेंटों की नियुक्ति की, शिक्षा विभाग में अस्थायी विशेषज्ञों की बहाली, परिवहन विभाग में कई नियुक्तियां भी की थी। इन सभी नियुक्तियों में दिल्ली सरकार ने राजनिवास से कोई सलाह नहीं ली और ना ही कोई जानकारी दी। राजनिवास इनकी स्क्रीनिंग कर सकता है।
वहीं केजरीवाल सरकार उपराज्यपाल द्वारा उठाए तमाम कदमों का जवाब देने के लिए दिल्ली में राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारों के मामले को सर्वोच्च न्यायालय में पेश करने के लिए नामचीन वकीलों के साथ रणनीति तैयार कर रही है।
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