नई दिल्ली ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में होने वाली कैबिनेट की बैठक में रेल बजट को आम बजट का ही हिस्सा बनाने को लेकर विचार किया जाएगा और अगर सहमति बनी तो बुधवार को ही इसके बारे में ऐलान भी कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में सुरेश प्रभु अंतिम रेलमंत्री होंगे, जिन्होंने रेल बजट पेश किया। इस फैसले के बाद रेल बजट की बजाय सिर्फ आम बजट ही पेश किया जाएगा और उसमें रेलवे का उसी तरह हिस्सा होगा, जिस तरह अभी अन्य मंत्रालयों का होता है।बता दें कि नीति आयोग के इस प्रस्ताव को रेलमंत्री सुरेश प्रभु पहले ही अपनी मंजूरी दे चुके हैं। अब इस बारे में तैयार किया गया कैबिनेट नोट बुधवार को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल जाएगी।इस फैसले के बाद रेलवे का बजट वित्त मंत्रालय ही तय करेगा। हालांकि पेंशन की देनदारी, लाभांश, रेलवे को वित्त मंत्रालय से मिलने वाली बजटीय सहायता, किराया तय करने संबंधी अधिकारों पर अभी सहमति नहीं बन पाई है कि इस पर फैसला रेल मंत्रालय करेगा या फिर वित्त मंत्रालय। दरअसल, रेल मंत्रालय चाहता है कि रेल किराया तय करने और मार्केट से पैसा उधार लेने का अधिकार उसे ही मिले।