आयोग ने वीवीपैट मशीनों को बनाने वाली कंपनियों इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से इस बारे में पूछा है और अपनी तकनीकी विशेषज्ञ समिति को मशीनों की डिजाइन में सुधार के लिए सुझाव मांगे हैं।
साथ ही पोलिंग स्टेशनों के लेआउट में भी बदलाव को लेकर सुझाव देने को कहा है ताकि भविष्य में वीवीपैट को अत्यधिक रोशनी से बचाया जा सके। इन दोनों लोकसभा सीटों पर 10365 वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया था जिसमें से 1202 को बदला गया था।