कानपुर की गंगा नदी में किस जिले से कितना प्रदूषण आ रहा है? अब इसका पूरा ब्यौरा तैयार होगा। प्रदूषण के आकलन के साथ यह भी आंकड़ा तैयार होगा कि गंगा में सहयोगी नदियों के जरिये जिलों से कितना पानी आ रहा है। इसके लिए केंद्रीय जल आयोग गंगा किनारे छह नई साइट खोल रहा है।
इन साइट पर काम शुरू हो गया है। पांडु और ईसन नदी के गंगा में मिलने वाले पानी की पहली बार बजटिंग होगी। गंगा में अधिक प्रदूषण घोलने वाले जिलों में प्रदूषण रोकने के लिए संयंत्र लगाए जाएंगे।
इससे पता चलेगा कि गंगा में मिलने वाली सहयोगी नदियों में किस जिले से कितना प्रदूषण, गंदगी और पानी आ रहा है। सहयोगी नदियों से गंगा को मिलने वाले कुल पानी का ब्योरा भी तैयार होगा। प्रदूषित, गंदा पानी प्रवाहित करने वाले जिलों में फिल्टर लगाए जाएंगे। शोधित जल को ही गंगा में छोड़ने दिया जाएगा।
– पांडु नदी पर पुरवामीर में
– ईसन नदी पर उसमारा और बिल्हौर में
– काली नदी पर कासगंज और अतरौली में
– कृष्णा नदी पर बांगरमऊ, उन्नाव में
जल आयोग की पहले चल रहीं साइट
गुमटिया (कन्नौज), अंकिंग घाट (अरौल), शुक्लागंज, बिटौरा (फतेहपुर), डलमऊ (रायबरेली), बेवर (मैनपुरी)