मुजफ्फरपुर। बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें आधा दर्जन से अधिक कांवड़िए गंभीर रूप से चोटिल हो गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हवा में लाठियां भांजी। सारी प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त हो गई। हालांकि जल्द ही उसपर प्रशासन ने काबू पा लिया नहीं तो एक बड़ी घटना घट सकती थी।
ज्यादा कांवड़ियों के पहुंचने से स्थिति हुई उत्पन्न
रात्रि ढाई बजे तक सबकुछ ठीक ठाक चल रहा था। मंदिर से लेकर जूरन छपरा तक करीब तीन किमी में जल चढ़ाने के लिए महिला व पुरुषों की कतार लगी थी। करीब एक लाख से अधिक कांवड़िए कतार में लग आराम से बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक कर रहे थे।
इसके बाद अचानक पंकज मार्केट व अखाड़ाघाट की ओर से कांवड़ियों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके बाद स्थिति अनियंत्रित होने लगी। दूसरी सोमवारी पर इतनी ज्यादा भीड़ के आने का अनुमान प्रशासन ने भी नहीं लगाया था।
देखते ही देखते बिगड़ गई स्थिति
वहां प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व तैनात जवान के साथ-साथ स्वयं सेवक स्थिति को संभालने में लगे थे। जल्दी जल चढ़ाने की होड़ में कुछ कांवड़िए लाइन तोड़कर आगे आ जाते। वहीं पीछे वाले कांवरिए धक्का दे रहे थे । इस दौरान कई बार भगदड़ की स्थिति बनी, लेकिन उसे नियंत्रित कर लिया गया। अफरातफरी के बीच अहले सुबह करीब सवा चार अनियंत्रित होती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हवा में लाठियां भांजी।
कुछ देर बाद करीब साढ़े चार बजे अचानक एसडीओ पूर्वी सुनिल कुमार व जवानों को धकेलती हुई भीड़ सरैयागंज टावर से दस मीटर की दंरी पर लगे नाका के पास पहुंच गई। पीछे से कतार में लगे कांवरियों के धक्के से बांस से बना बैरियर टूट गया और आगे लगे भक्त एक-दूसरे पर गिर गए। इसमें आधा दर्जन कांवड़िए चोटिल हो गए। यह स्थिति दो-तीन बार उत्पन्न हुई। इसके बाद स्थानीय लोगों के आना का सिलसिला शुरू हो गया।
हजारों श्रद्धालु नहीं कर सके जलाभिषेक
अत्यधिक भीड़, जल चढ़ाने को मारामारी और कतार में घंटों लगे रहने के बावजूद वे मंदिर तक नहीं पहुंच पाए। उनलोगों ने वहीं कतार में से ही बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक चढ़ा दिया। इसके बाद वे लौट गए।