रांची। करगिल में बर्फ से दबकर झारखंड के 3 सैनिक शहीद हो गए थे। सोमवार को 2 जवानों का पार्थिव शरीर रांची लाया गया। यहां श्रद्धांजलि देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव भेज दिया गया।
शहीद जवानों में से एक सिपाही कुलदीप लकड़ा अक्सर अपनी मां से कहते थे कि उन्हें दुश्मनों से डर नहीं लगता, लेकिन यहां बर्फबारी काफी होती है। कुलदीप की दिसंबर में लापुंग की युवती के साथ सगाई हुई थी। 4 अप्रैल को उन्हाेंने अपनी मंगेतर से फोन पर कहा था कि अगले महीने शादी करेंगे।
कुलदीप के कंधे पर थी घर की जिम्मेवारी
कुलदीप की मां गोरमति कुजूर कहती हैं कि उसका बेटा जांबाज था। वह अक्सर कहता था उसे दुश्मनों से डर नहीं लगता, लेकिन करगिल में बर्फबारी काफी होती है। अंतत: बर्फ ने ही उसके होनहार बेटे की जान ले ली। घर की सारी जिम्मेवारी कुलदीप के कंधे पर ही थी। उसके वेतन से घर का खर्चा चलता था, पिता लोन का इंस्टाॅलमेंट भरते थे।
मां कहती है कि कुलदीप पढ़ने में तेज था, वह सेना में अफसर बनना चाहता था, लेकिन माली हालत ठीक नहीं होने के कारण उसने सिपाही बनना कुबूल किया। बड़ी बहन सैलिन ने कहा, कुलदीप कहता था तुम अच्छी टीचर बनोगी। मुझे बीएड कॉलेज में दाखिला दिलाया। मेरे टीचर बनने से पहले ही चला गया।
बता दें कि बटालिक सैक्टर में गुरुवार को हिमस्खलन हुआ था। बर्फ की चट्टान सेना की चौकी पर गिरी, जिसमें 5 जवान बर्फ के नीचे दब गए, जिसमें से 2 काे बचा लिया और 3 जवान शहीद हाे गए।
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