नई दिल्ली। जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति से मिली मंजूरी के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को जीएसटी परिषद और सचिवालय बनाए जाने के आशय को हरी झंडी दिखा दी। केन्द्रीय वित्तमंत्री जीएसटी परिषद् की अध्यक्षता करेंगे और राज्यों के वित्तमंत्री इसके सदस्य होंगे। यह परिषद् इस बात का निर्णय करेगा कि जीएसटी किन दरों पर लागु किया जाए, इसका संकलन कैसे हो और किस दर पर उपभोक्ता देशभर में भुगतान करे। परिषद जीएसटी वस्तुओं और सेवाओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए स्लैब को भी अंतिम रूप देगी।
यह परिषद मॉडल जीएसटी विधेयक के मसौदे, कर की दर, मूल्यांकन पर दोहरे नियंत्रण के विवादास्पद मुद्दों और निर्धारितियों पर जांच के लिए अपनी सलाह देगा ताकि नई कर प्रणाली 01 अप्रैल 2017 से लागु की जा सके। इस विधेयक के अनुसार राष्ट्रपति विधेयक के कानून बनने के 60 दिनों के भीतर परिषद् बनाएंगे।
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