नई दिल्ली । दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। डीडीसीए मामले में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि के मामले में केजरीवाल पर मुकदमा चलेगा।
शनिवार को अदालत ने मानहानि के इस मामले में केजरीवाल और पांच अन्य आप नेताओं के गुनाह नहीं कबूल करने पर उनके खिलाफ भी आरोप तय कर दिए। मामले में अगली सुनवाई 20 मई को होगी।
शनिवार को चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट सुमित दास ने केजरीवाल और अन्य आप नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए। केजरीवाल और अन्य आरोपियों ने खुद को बेकसूर बताया। मुकदमे की सुनवाई 20 मई को शुरू होगी।
इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें जेटली के बैंक अकाउंट्स की जानकारी, टैक्स रिटर्न और अन्य वित्तीय रेकॉर्ड पेश किए जाने की मांग की गई थी।
हाई कोर्ट में केजरीवाल की पैरवी कर रहे सीनियर वकील राम जेठमलानी और जेटली के बीच काफी दिलचस्प बहस भी देखने को मिली थी। दोनों के बीच काफी लंबी जिरह चली थी। जेठमलानी ने अपने अंदाज में जेटली से कई तीखे सवाल पूछे थे और साथ ही उनकी ‘महानता’ पर सवाल खड़े किए थे।
बता दें कि डीडीसीए से ही जुड़े एक अन्य मामले में मंगलवार को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने केजरीवाल को कड़ी फटकार लगाई थी। डीडीसीए और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में केजरीवाल को जमानत दे दी थी लेकिन अदालत में हाजिर न होने पर सख्त नाराजगी जताई। अदालत में हाजिर हुए केजरीवाल को कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी।
क्या है मामला
जेटली ने दिसंबर 2015 में केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्डा और दीपक बाजपेयी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
जेटली का दावा था कि इन लोगों ने डीडीसीए से जुड़े मामले में उनके खिलाफ ‘झूठे और अपमानजनक’ बयान दिए हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है। AAP नेताओं ने जेटली पर डीडीसीए में वित्तीय गड़बड़ियां करने का आरोप लगाया था। जेटली साल 2013 तक लगभग 13 साल डीडीसीए के अध्यक्ष रहे थे।