नई दिल्ली। मात्र दो साल पहले 5 सितंबर के दिन दूरसंचार क्षेत्र में कदम रखने वाली मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो अपने नित नए ऑफर्स के कारण अब भी डिजिटल क्रांति का पर्याय बनी हुई है। फ्री आउटगोइंग, मुफ्त डाटा और सस्ती दरों के कारण जियो के ग्राहकों बेस तूफानी तेजी से बढ़ा जिससे दूरसंचार क्षेत्र में खलबली मच गई। इस नई नवेली कंपनी से मिल रही कड़ी चुनौती के कारण वोडाफोन और आइडिया जैसी दिग्गज कंपनियों को विलय की राह पकनी पड़ी। एयरटेल को भी टिके रहने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
कंपनी के दूरसंचार क्षेत्र में आने से देश में डिजिटल युग की नयी शुरूआत हुई और सस्ते डाटा और सस्ती दरों के कारण इसकी पहुंच आम लोगों तक संभव हो पायी। इन दो वर्ष में डाटा की खपत 20 करोड़ जीबी प्रतिमाह से बढकर 370 करोड़ जीबी प्रतिमाह हो गई है। आंकड़े बताते हैं कि देश में सबसे अधिक मोबाइल डाटा की खपत जियो के ग्राहक ही करते हैं। जियो का डाटा खपत का आंकड़ा 100 करोड़ जीबी प्रतिमाह से अधिक है।
देश में सबसे अधिक एलटीई कवरेज जियो का है। कंपनी का दावा है कि जल्द ही वह 99 फीसदी आबादी को कवर कर लेगी। कंपनी ने मात्र 170 दिनों में 10 करोड़ उपभोक्ताओं को जोड़ा था और 30 जून तक यह आंकड़ा बढकर साढे 21 करोड़ हो गया। जियो ने कम कीमत पर स्मार्टफोन की योजना भी लांच की और अब वह होम टू फाइबर सेवा देने की तैयारियों में लगी है।- एजेंसी