दिग्ठान। उचित भाव के खरीदार नहीं मिलने के कारण यहाँ प्याज की खेती करने वाले किसान अपनी उपज औने-पौने दाम ढाई रुपये किलो के भाव में बेचने के लिए मजबूर है, क्योंकि प्याज को संभालना किसानों के लिये मुश्किल हो गया है। हालांकि अच्छे भाव एवं प्याज मे तेजी आयेगी, इसी आशा के साथ किसानो ने गर्मी से लेकर अब तक प्याज का भंडारण कर उसकी देखभाल की।क्षेत्र में किसानों ने ढाई से चार रु. किलो मे सैकडों क्विंटल प्याज बेचा है, क्योंकि सड़ाने से अच्छा जितना पैसा मिले, उसी से मजबूरन संतोष करना पड़ रहा है। यदि खर्च की बात की जाय तो मजदूरी भी नही निकल रही है। वही किसानों ने राज्य सरकार पर अपनी भड़ास निकाली है और जिम्मेदार ठहराया है। किसानों का कहना है कि हमारे क्षेत्र में भंडारागार (वेअर हाउस) की आवश्यकता पर सरकार से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं है। दिग्ठान क्षेत्र में एक भी भंडारण गृह नहीं है, जिससे किसान घर के एक हिस्से में बने गोदाम में ही भंडारण करते हैं। अनुकूल वातावरण नहीं मिलने से प्याज सडऩे लगती है और दुर्गंध आती है। नतीजतन परेशान होकर किसानों को बार बार छटनी कर सड़े प्याज फेंकने पड़ते हैं। किसानो की सोयाबीन की फसल तैयार है और उन्हें उसके भी भण्डारण की व्यवस्था करनी है। इसलिए किसान औने पौने दामों में प्याज बेचने को मजबूर हैं।