अनस-तन्वी पासपोर्ट मामले में खुद को चश्मदीद गवाह बताने वाले कुलदीप सिंह के अपहरण की खबर से सनसनी मच गई। कुलदीप सिंह ने बताया कि लखनऊ के जानकीपुरम एक्सटेंशन से शनिवार दोपहर स्कार्पियो सवार कुछ अज्ञात लोगों ने उन्हें अगवा कर लिया।कुलदीप के मुताबिक वे लोग उसे लखीमपुर के रास्ते नेपाल ले जा रहे थे, लेकिन इस दौरान वह अपहर्ताओं को चकमा देकर लखीमपुर की संसारपुर पुलिस चौकी पहुंचा।
बता दें पासपोर्ट मामले में कुलदीप सिंह खुद को चश्मदीद गवाह बता रहा है। इसी मामले में वह शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस करने वाला था। कुलदीप के अनुसार, शनिवार दोपहर करीब 2.15 बजे उसे किडनैप कर लिया गया। खीरी में मैलानी थानाक्षेत्र में किडनैपर्स से छूट कर वह भाग निकला। कुलदीप का कहना लखनऊ से पुलिस टीम उसे लेने पहुंच रही है.
वहीं लखनऊ पुलिस ने तन्वी सेठ के पासपोर्ट की जांच एलआईयू से कराने के निर्देश दिए हैं। पुलिस के मुताबिक तन्वी सेठ के नाम और स्थायी पते की जांच होगी। पासपोर्ट विवाद के तूल पकड़ने के बाद भले ही तन्वी सेठ को पासपोर्ट दे दिया गया हो, अगर एलआईयू जांच में गड़बड़ी पाई गई तो तन्वी सेठ का पासपोर्ट भी जब्त हो सकता है।
गौरतलब है कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा पर आवेदक तन्वी सेठ ने बदसलूकी का आरोप लगाया था। तन्वी सेठ के मुताबिक, बुधवार को जब वह अपना आवेदन लेकर विकास मिश्रा के पास गई तो उन्होंने मुस्लिम से शादी करने को लेकर निजी कमेंट किए। तन्वी सेठ का आरोप है कि जब उन्होंने इसका विरोध किया तो विकास मिश्रा ने उनके साथ बदसलूकी भी की।
तन्वी सेठ ने इस पूरे मामले की शिकायत ट्विटर के जरिये विदेश मंत्रालय से की थी। घटना की जानकारी मिलते ही विदेश मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई कर लखनऊ कार्यालय से रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद विकास मिश्रा का तबादला गोरखपुर करने के साथ आनन-फानन में तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट जारी कर दिया गया था।
वहीं विकास मिश्रा ने गुरुवार को ही मीडिया के सामने तन्वी सेठ द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा था कि तन्वी सेठ गलत तरीके से अपने पति का नाम पासपोर्ट में शामिल कराना चाहती थीं, जिस निकाहनामे को आधार बनाकर वह यह दावा कर रहीं थीं, उसमें उनका नाम ‘सादिया अनस’ लिखा हुआ था।
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