फ्लैश बैक 1999/00
भारतीय क्रिकेट टीम ने सातवीं बार टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा 1999-00 में किया था। तीन टेस्ट की इस सीरीज के लिए भारतीय टीम की कमान सचिन तेंदुलकर के हाथों में थी, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी रिकी पोंटिंग कर रहे थे। एक बार फिर भारतीय टीम ने निराश किया और उसे सीरीज में 0-3 से शिकस्त मिली। एडिलेड में पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने 285 रन से जीता। मेलबर्न में दूसरा टेस्ट भी ऑस्ट्रेलिया ने 180 रन से अपने नाम किया। सिडनी में तीसरा टेस्ट तो भारतीय टीम तीसरे दिन ही पारी और 141 रन से हार गई।
तेंदुलकर बनाम मैक्ग्रा
इस सीरीज को सचिन तेंदुलकर बनाम ग्लेन मैक्ग्रा के बीच आपसी मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा था। संयोग से इस सीरीज में जो विवाद सामने आया, ये दोनों खिलाड़ी उस विवाद का अहम हिस्सा रहे। एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में मैक्ग्रा की एक बाउंसर को छोड़ने की कोशिश में तेंदुलकर नीचे झुक गए। हालांकि, गेंद नीची रह गई और तेंदुलकर के कंधे से जा टकराई। गेंद के कंधे से टकराने के बावजूद मैक्ग्रा ने एलबीडब्ल्यू की अपील की और ऑस्ट्रेलियाई अंपायर डेरल हार्पर ने तेंदुलकर को आउट दे दिया। इसके बाद भारत सहित दुनियाभर में मैक्ग्रा के अपील करने और हार्पर के फैसले की काफी आलोचना हुई।
ली का शानदार आगाज
यह सीरीज ब्रेट ली के करियर की पहली अंतरराष्ट्रीय सीरीज थी। मेलबर्न में उन्होंने टेस्ट पदार्पण करते हुए पहली पारी में 47 रन देकर पांच विकेट अपने नाम किए। इस सीरीज में उन्होंने दो टेस्ट खेले और कुल 13 विकेट झटके।
ये रहे सबसे आगे
इस सीरीज में सबसे ज्यादा 375 रन रिकी पोंटिंग ने बनाए, जबकि जस्टिन लेंगर 289 रन बनाकर दूसरे नंबर पर रहे। भारतीय बल्लेबाजों में सचिन तेंदुलकर ने सबसे ज्यादा 278 रन बनाए। स्टीव वॉ (276), एडम गिलक्रिस्ट (221) और वीवीएस लक्ष्मण (221) भी 200 से ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। गेंदबाजी में ग्लेन मैक्ग्रा ने सबसे ज्यादा 18 विकेट झटके, जबकि ब्रेट ली (13) और डेमियन फ्लेमिंग (12) ने भी शानदार प्रदर्शन किया। भारत की ओर से अजित आगरकर (11) और जवागल श्रीनाथ (10) ही गेंदबाजी में प्रभावित कर सके।