Thursday , December 5 2024

त्रिपुरा में स्‍कूली सि‍लेबस से गायब हुई स्‍वतंत्रता आंदोलन की गाथा

history_book_2016524_94150_24_05_2016अगरतला। क्या शिक्षा का भी कोई रंग होता है। क्या शिक्षा का रंग भगवा या लाल होता है। ये ऐसे सवाल हैं जिस पर भारत में जमकर सियासत होती है। राजनीतिक दल इस मुद्दे पर एक दूसरे के ऊपर आरोप भी लगाते हैं। राजस्थान सरकार द्वारा पाठ्यक्रमों से नेहरू के योगदान को हटाने के बाद त्रिपुरा की लेफ्ट शासित सरकार ने भी बड़ा फैसला किया है। त्रिपुरा एजूकेशन बोर्ड ने कक्षा 9 के इतिहास के पाठ्यक्रम सेे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के चैप्टर को हटा लिया है।

त्रिपुरा के छात्र मॉर्क्स और हिटलर के बारे में पढ़ सकेेंगे। लेकिन स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए आंदोलनकारियों की गाथा अब छात्र नहीं पढ़ पाएंगे। किताब में महात्मा गांधी के बारे में जिक्र है लेकिन स्वतंत्रता संग्राम से इतर क्रिकेट के बारे में उनकी राय के बारे में जानकारी दी गयी है। कल्यान चौधरी द्वारा लिखी गई किताब में इंग्लैंड में क्रिकेट के उदय, नाजीवाद और हिटलर के उत्थान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके अलावा संथाल विद्रोह के बारे में भी बताया गया है।

अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक त्रिपुरा सेकेंडरी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि मानिक सरकार की तरफ से इस मामले में किसी तरह का निर्देश नहीं मिला था। मामले के तुल पकड़ने के बाद अधिकारियों का कहना है कि अगले शैक्षणिक सत्र से इसमें परिवर्तन किया जाएगा।

एजूकेशन बोर्ड के अध्यक्ष मिहिर देव का कहना है कि वो लोग एनसीइआरटी के गाइडलाइंस के मुताबिक ही काम कर रहे हैं। कक्षा 9 से पहले छात्र भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के बारे में पढ़ा करते थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विप्लव देव का कहना है कि सरकार लाल रंग में सबकुछ रंगना चाहती है। ये लोकतंत्र के लिए खतरा है।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com