राष्ट्रीय राजधानी में हर कोई भारी ट्रैफिक जाम से रोजाना जूझ रहा होता है. न जाने कितने फ्लाईओवर बने. अंडरपास बने. लेकिन जाम से मुक्ति नहीं मिली, बल्कि परेशानी और बढ़ती ही गई. लेकिन इस बार अगर दिल्ली पुलिस की बातों पर भरोसा करें तो शायद अगले दो साल बाद दिल्ली में लोगों को भारी टैफिक से राहत मिल सकती है. दरअसल, दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में एक कार्ययोजना जमा की है जिसमें वर्ष 2020 तक दिल्ली को जाम से मुक्ति दिलाने की बात कही गई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने जो शपथ-पत्र (एफिडेविट) जमा किया है उसमें एक कैटेगरी में शामिल कुल 350 काम में 108 पूरे किये जा चुके हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल की तरफ से बनाए गए टास्क फोर्स ने ट्रैफिक जाम के लिए जिम्मेदार 77 बाधाओं को चिह्नित किया है और इसे तीन श्रेणी- 28 अधिक जाम (ए कैटेगरी), 30 जाम (बी कैटेगरी) और 19 मध्यम जाम वाले (सी कैटेगरी) में बांटा है.
शपथ-पत्र में फुटओवर ब्रिज, अंडरपास निर्माण और सड़कों की डिजाइन में बदलाव करने की योजना भी शामिल की है. इसमें कहा गया है कि सड़कों के डिजाइन में बदलाव के काम को पूरा होने में छह से आठ माह का वक्त लगेगा. हालांकि लंबे समय वाले काम जैसे फुट ओवर ब्रिज, अंडरपास और यू-टर्न निर्माण में छह माह लगेंगे. इसके बाद 12 महीने इसे दिल्ली की सड़कों पर लागू करने में लगेंगे.
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के इस शपथ पत्र पर संतोष जाहिर किया है और कहा है कि उम्मीद है इसका पालन किया जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा है कि हमें उम्मीद है कि इससे जुड़े सभी प्रशासनिक तंत्र मिलकर इसे समयसीमा के अन्दर अंजाम देंगे. अगर पुलिस कमिश्नर को किसी अथॉरिटी से संबंधित कोई भी परेशानी आती है तो वह कोर्ट में अपील कर सकते हैं. उम्मीद है सभी लोग इसमें मदद करेंगे.
अतिरिक्त महाधिवक्ता पिंकी आनंद ने कहा है कि ए कैटेगरी को पहली प्राथमिकता दी जाएगी और बी और सी कैटेगरी को भी जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा. शपथ पत्र में यह भी बताया गया है पुलिस स्टेशन में बेकार पड़े वाहनों के निपटारे की भी तैयारी है
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