जालंधर के इंजीनियरिंग कॉलेज से पकड़े गए तीनों कश्मीरी आतंकियों को एक ऐसा टास्क दिया गया था, जिसके तहत नई दिल्ली को दहलाना था, एक बड़ी हस्ती को मारना था। तीनों को ऐसा टास्क दिया गया था कि मूसा कश्मीर में चरमपंथ का चेहरा बदलकर रख देता, क्योंकि वह पहले से स्थापित स्थानीय संगठनों जैसे हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से चरमपंथियों को अपने संगठन में शामिल करेगा।
अंसार गजवत उल हिंद संगठन के चीफ जाकिर मूसा की तरफ से पंजाब के रास्ते से दिल्ली को टारगेट किये जाने की योजना थी। बता दें कि 6 अगस्त को जम्मू में गांधी नगर इलाके में एक बस को रोककर कश्मीर के एक युवक को गिरफ्तार आठ हथगोले बरामद किए गए थे। आतंकी की पहचान दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में अवंतीपुरा निवासी इरफान वानी के रूप में हुई। हथगोलों के अलावा 60 हजार रुपये बरामद हुए थे। जाकिर मूसा की नई दिल्ली में आतंकी हमले की योजना थी।
अफरान वानी से बरामदगी के बाद आईबी को इनपुट मिले थे कि दिल्ली और पंजाब के लिए हथियार व गोला बारूद भेजा गया है। इसके बाद आईबी को पता चला कि जालंधर में पढ़ने वाले तीन स्टूडेंट्स को आगे जाकिर ने हथियार भेजे हैं, जिनको पंजाब में इस्तेमाल तो किया जाना है, इसके साथ ही आगे दिल्ली भेजा जाना है, ताकि किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिया जा सके। अंसार गजवत उल हिंद संगठन के निशाने पर दिल्ली की बड़ी हस्ती भी थी, जिसको लेकर खुफिया एजेंसियों ने अभी चुप्पी साध ली है।
अंसार गजवत उल हिंद यानी हिंदुस्तान तबाही, संगठन को अलकायदा ने किया तैयार
दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा ने कश्मीर में भी उपस्थिति दर्ज कराते हुए अंसार गजवत उल हिंद के नाम से एक अलग संगठन तैयार किया है, जिसका हिंदी में मतलब हिंदुस्तान की तबाही है। इस संगठन का मुखिया हिजबुल मुजाहिदीन के निष्कासित कमांडर जाकिर मूसा को बनाया है, जिसके निशाने पर पंजाब व दिल्ली है। पंजाब व दिल्ली में संगठन एक बड़ी वारदात की तैयारी में था और जाकिर मूसा के इशारे का इंतजार था।
ऐसी आशंका है कि संगठन के निशाने पर पंजाब और दिल्ली के शहर थे। आतंकी त्योहारों में बड़ी वारदात की तैयारी कर रहे थे। इसके अलावा दिल्ली में एक बड़ी हस्ती को उड़ाने की योजना थी। 2017 में एजीएच यानी अंसार गजवत उल हिंद तब दुनिया के सामने आया जब अलकायदा समर्थक चैनल ग्लोबल इस्लामिक मीडिया फ्रंट ने इसके बारे में एक रिपोर्ट दिखाई थी। इस ग्रुप के जरिये अलकायदा कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना था। ग्रुप को आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद तैयार किया गया। फिर जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने का एलान किया गया।
गौरतलब है कि जाकिर मूसा ने कश्मीर में चल रही तथाकथित आजादी की लड़ाई को इस्लाम की लड़ाई बताया था। इसके बाद हिजबुल मुजाहिदीन ने उसे संगठन से बाहर कर दिया था। जाकिर मूसा बुरहान वानी का दोस्त था, जिसकी मौत के बाद से वादी में तनाव बढ़ गया था। जब अंसार गजवत उल हिंद संगठन अस्तित्व में आया तो ऐसा माना जा रहा था कि मूसा का आकर्षक व्यक्तित्व कश्मीर की युवा पीढ़ी को आकर्षित करेगा जो भारत सरकार से असंतुष्ट नजर आती है।