विकासशील देश भारत में आज भी कई राज्य बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं. खासकर सड़क और शिक्षा के मामले में राज्यों की स्थिति किसी से छुपी हुई नहीं है. देश में कई राज्य आज भी ऐसे हैं, जहां पर शिक्षा प्राप्त करने के लिए बच्चों को नदियां और नालों को पार करना पड़ रहा है.
दरअसल, असम का दलगांव भी बुनियादी कमियों से जूझ रहा है. यहां पर बच्चों को स्कूल जाने के लिए सड़क तो दूर नदी पार करने के लिए एक नांव तक नसीब नहीं है. दलगांव में बच्चे स्कूल जाने के लिए अपनी जान हथेली पर रखते हैं और फिर केले के तने का सहारा लेते हैं. स्कूल जाने के लिए कंधों पर बस्ता टांग बच्चे पहले सड़क से नदी तक आते हैं और स्कूल जाने के लिए केले के तने पर बैठकर आगे का रास्ता तय करते हैं.
केले के तने पर बैठकर बच्चों के स्कूल पहुंचने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कुछ बच्चे केले के तने पर बैठकर पार कर रहे हैं तो कुछ माता-पिता बच्चों को कंधे पर बैठाकर स्कूल ले जाने के लिए मजबूर हैं. बच्चों के इस तरह स्कूल जाते हुए देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
उल्लेखनीय है कि असम में बच्चों के ऐसे स्कूल जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. कुछ वक्त पहले ही प्रदेश के विश्वनाथ जिले में नदी पार करने के लिए बच्चे अल्मुनियम के पतीले (तसला) का सहारा ले रहे थे. इस वीडियो में बच्चे पतीले में बैठकर उसी में अपनी किताबों का बैग रखकर हाथ को पतवार की तरह चलाते हुए नदी पार करके स्कूल जाते हुए दिखाई दे रहे थे.