स्वास्थ्य शिक्षा एवं विकास के अन्य पैमाने पर सुधार में वृद्धि को रखते हुए नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों की पहली सूची जारी की है। गुजरात का दाहोद जिला इस सूची में पहले स्थान पर आया है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने शुक्रवार को आकांक्षी जिलों की पहली डेल्टा रैंकिंग जारी की।
उन्होंने बताया कि अप्रैल और मई में विकास के पैमाने पर सुधार प्रदर्शित करने वाले अन्य जिलों में पश्चिमी सिक्किम (सिक्किम), रामनाथपुरम (तमिलनाडु), विजयनगरम (आंध्र प्रदेश), वाईएसआर कड़पा (आंध्र प्रदेश) शामिल हैं। खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में कुपवाड़ा (जम्मू एवं कश्मीर), बेगूसराय (बिहार), रांची (झारखंड), सिमडेगा (झारखंड) और खगड़िया (बिहार) हैं।
ज्ञात हो कि इसी वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकांक्षी जिलों के बदलाव का कार्यक्रम लांच किया। इसका लक्ष्य देश के अत्यंत पिछड़े जिलों में तीव्र और प्रभावी बदलाव लाना है। कांत ने बताया कि 115 आकांक्षी जिलों में से केवल 108 ही पहले डेल्टा रैंकिंग शामिल हुए हैं। पश्चिम बंगाल के तीन जिले रैंकिंग में शामिल नहीं हुए हैं।
ओडिशा और केरल ने अपनी इंट्री देरी से सौंपी जिससे उन्हें रैंकिंग में शामिल नहीं किया जा सका। आकांक्षी जिलों के लिए नीति आयोग की पहली डेल्टा रैंकिंग (सुधार में वृद्धि) 31 मार्च 2018 से 31 मई 2018 के बीच जिलों की ओर से उपलब्ध कराए गए उनके डाटा पर आधारित है। इसमें विकास के पांच क्षेत्र स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास और बुनियादी ढांचा शामिल है।
इस वर्ष मार्च में जारी बेसलाइन रैंकिंग में 100वें स्थान पर रहा तेलंगाना के आसिफाबाद जिले ने पिछले दो महीने में उल्लेखनीय सुधार किया है। डेल्टा रैंकिंग में यह जिला 15वें स्थान पर आया है। विभिन्न भागीदारों से कई दौर की वार्ता के बाद जिलों की प्रगति आंकने के लिए 49 प्रमुख प्रदर्शन सूचकांक चुने गए।
जिलों को पहले अपने राज्य में सबसे बेहतर जिला बनने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसके बाद उन्हें देश के बेहतर जिले में शामिल होने की आकांक्षा रखने के लिए प्रेरित किया गया है।
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