नई दिल्ली: संसद की लेखा समिति नोटबंदी से जुड़े मुद्दे पर प्रधानमंत्री को भी तलब नहीं कर सकती है।शुक्रवार को हुई पीएसी की बैठक में बीजेपी सदस्यों ने केवी थामस के बयान का विरोध किया।
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बीजेपी सदस्यों के मुताबिक कोई भी वित्तीय कमेटी किसी भी मंत्री या प्रधानमंत्री को नहीं कर सकती।
सदस्यों ने कहा कि वे थामस को तब तक काम नहीं करने देंगे जब तक वह अपना बयान ठीक नहीं करते। हालांकि थामस ने शुरू में किसी भी सफाई देने से इंकार किया था, लेकिन वह बीजेपी नेता के उस बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा कि मंत्रियों को कमेटी के सामने पेश नहीं होना चाहिए।
क्या कहा था थामस ने
पीएसी चेयरमैन केवी थॉमस के मुताबिक जिस देश में कैशलैस की बात की जा रही है वहां पर कॉल ड्रॉप की समस्या आज तक बरकरार है। सरकार इस पर अभी तक काबू नहीं पा सकी है। ऐसे में भला सरकार कैसे कैशलैस और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की बात करती है। 20 जनवरी को समिति वित्त मंत्रालय और उर्जित पटेल से मिले जवाब पर विचार करेगी। इस दौरान वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ पटेल खुद भी शामिल होंगे। यदि इसमें समिति संतुष्ट नहीं होती है तो फिर पीएम मोदी को इस पर जवाब देने के लिए बुलाया जाएगा। समिति को इस बारे में किसी से भी सवाल जवाब करने का अधिकार प्राप्त है।
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