नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ रूस के संयुक्त सैन्य अभ्यास से भले ही भारत को कुछ आपत्ति हुई है, लेकिन अब गोवा में ब्रिक्स और बिम्सटेक सम्मेलन से पहले रूस के साथ 17वें सालाना द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भारत कई सेक्टर्स में बहुत से समझौते करने जा रहा है। इससे पाकिस्तान को झटका लग सकता है। भारत और रूस के बीच अतिरिक्त न्यूक्लियर रिएक्टर्स, पांचवीं जेनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट, मिलिटरी हेलिकॉप्टर्स, अडवांस्ड मिसाइल, एयर डिफेंस सिस्टम और हाइड्रो-कार्बन सेक्टर में समझौते होंगे।
हाल के वर्षों में यह पहला मौका होगा कि जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लंबे समय (14-17 अक्टूबर) तक भारत में रुकेंगे। पुतिन के साथ उनके कुछ मिनिस्टर भी भारत आ रहे हैं। पुतिन और उनके मेजबान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए एक संयुक्त बयान जारी करेंगे। इसके अलावा एक अन्य डॉक्युमेंट में 2017 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किए जाने वाले बहुत से कार्यक्रमों की जानकारी दी जाएगी।
रूस ने यह कहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के साथ न्यूनतम जुड़ाव रखना चाहता है। इसके बावजूद मोदी पाकिस्तान के चेरात में दोनों देशों के बीच हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास पर पुतिन को अभी चिंता से अवगत कराएंगे क्योंकि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद को दिए जा रहे समर्थन को लेकर भारत दुनिया के बड़े देशों को जागरूक करना चाहता है।
अधिकारियों ने बताया कि भारत और रूस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी भागीदारी का विस्तार करने पर बातचीत करेंगे। इसके अलावा दोनों देशों के बीच साइबर सिक्यॉरिटी अग्रीमेंट कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ एक बड़ी ताकत होगा।
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