नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के युवा अधिकारियों को देश की आम जनता के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने के लिए अपने आसपास के वातावरण एवं परिस्थितियों को लेकर संवेदनशील होने की सलाह दी है। राजधानी दिल्ली में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में 2014 बैच के 172 आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”देश के लोगों के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए आपको अपने आस-पास के वातावरण और परिस्थितियों को लेकर संवंदेनशील होना पड़ेगा। इससे आप लोगों से ज्यादा अच्छे से कनेक्ट कर पाएंगे”।
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी युवा अधिकारियों से अपील की वह अगले तीन महीने का इस्तेमाल अपने कौशल में मूल्यों को जोड़ने और जिस भी विभाग से वह जुड़े हैं उसकी कार्यप्रणाली के साथ भी मूल्यों को जोड़ने के लिए करें। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से शासन प्रणाली में प्रौद्योगिकी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने और सरकार के कामकाज में प्रौद्योगिकी उन्नयन की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
भारत सरकार द्वारा सभी 172 अधिकारियों को तीन माह के लिए केंद्र सरकार के 42 मंत्रालयों में सहायक सचिवों के रूप में नामित करने के साथ-साथ तैनात किया गया है। यह केंद्र सरकार में निश्चित कार्यावधि के साथ अपना करियर शुरू करने वाला आईएएस अधिकारियों का दूसरा बैच है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नए आईएसएस अधिकारियों से इन तीन महीनों के दौरान सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलजुल कर एवं निडर होकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि 2013 से इस पहल की शुरूआत की गई थी जिसके तहत युवा आईएसएस अधिकारियों को केंद्र सरकार के साथ अपना करियर शुरू करने का मौका मिला, जो अवसर आपके सीनियर लोगों को नहीं मिला।
जानकारी हो कि केंद्र सरकार में तीन माह की अपनी तैनाती के दौरान इन अधिकारियों को केंद्र सरकार के कामकाज की समग्र तस्वीर से अवगत कराया जाएगा। हालांकि, कार्यालय में उनका कामकाज पहले ही दिन से शुरू हो जाएगा और वे अपनी डेस्क से संबंधित फाइलों का निपटारा करना शुरू कर देंगे। इस पहल का मुख्य उद़देश्य आईएएस अधिकारियों को अपने करियर के बिल्कुल शुरुआती चरण में ही भारत सरकार के कामकाज से पूरी तरह रू-ब-रू कराना है। संबंधित क्षेत्र में प्राथमिक कार्यान्वयकों के रूप में इस तरह से कामकाज का मौका मिलने के परिणामस्वरूप उन्हें उस दौरान भी व्यापक दृष्टिकोण अपनाने में मदद मिलेगी, जब ये अधिकारीगण फील्ड में कार्यरत रहेंगे।