पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर लखनऊ में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में कर्मचारी इकट्ठा हुए हैं। उन्होंने सरकार को सीधी धमकी दी है कि अगर उनकी मांगों को न माना गया तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
पेंशन बहाली मंच के बैनर तले लखनऊ के ईको गार्डन में महारैली कर रहे प्रदर्शनकारियों का कहना है अभी तक उनसे मिलने के लिए सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं आया है। इसे चुनावी सीजन में सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पेंशन बहाली मंच के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम की राशि शेयर मार्केट में लगाई जाती है। इसमें न्यूनतम पेंशन की कोई गारंटी न होने से शिक्षकों और कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय है। अगर पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो प्रदेश की मौजूदा सरकार परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
वहीं, मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। अगर एक अप्रैल 2005 के बाद भर्ती हुए कर्मचारी के साथ कोई हादसा होता है, तो सामाजिक सुरक्षा के नाम पर उसके परिवार को कोई सुविधा नहीं मिलती।
प्रदेश और देश को चलाने में कर्मचारियों, शिक्षकों, इंजीनियरों और अधिकारियों की विशेष भूमिका है, पर प्रदेश में उनकी उपेक्षा की जा रही है। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महासचिव जीएन सिंह ने कहा कि 24 हजार से ज्यादा इंजीनियर कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। अगर अब भी सरकार नहीं चेती तो हड़ताल करने से भी नहीं चूकेंगे।
पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र निगम ने बताया कि काफी संख्या में सहायक अभियंता महारैली में भाग लेंगे। वहीं, मंच के प्रवक्ता मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे यूनियन के नेता शिवगोपाल मिश्रा समेत सभी नेता महारैली में शामिल होंगे। प्रस्तावित महारैली स्थल का वरिष्ठ कर्मचारी व शिक्षक नेताओं ने मौका मुआयना कर तैयारियों का जायजा लिया। कार्यक्रम को सुचारु ढंग से चलाने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। एलसीडी भी लगाई गई हैं।
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