लखनऊ। प्रेस कांउंसिल के सदस्य प्रज्ञानंद चौधरी ने कहा कि चुनाव के समय पेड न्यूज को पहचानने का कोई फार्मूला नहीं होता है। चौधरी शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी वेंकटेश की अध्यक्षता में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में राज्य स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मानीटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) की बैठक में बोल रहे थे।
बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीके पाण्डे, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी जेपी सिंह,सदस्य एमसीएमसी यासमीन फारूक़ी , विषय विशेषज्ञ अशोक बनर्जी उपस्थित थे।
पेड न्यूज पर चर्चा करते हुए प्रज्ञानन्द चौधरी ने कहा कि पेड न्यूज की पहचान करने का केाई सेट या निश्चित फार्मूला नहीं बनाया जा सकता। पेड न्यूज की पहचान तथ्यों ओैर परिस्थितियों पर विवेकपूर्ण विचार करके किया जा सकता है।
किसी एक प्रत्याशी के पक्ष में दिखने वाली खबर, साक्षात्कार आदि को मात्र इस कारण कि वह किसी प्रत्याशी के पक्ष में है, पेड न्यूज नहीं माना जा सकता।
निर्वाचन के दौरान निर्वाचन आयोग के अनुदेशों के अंन्तर्गत समाचार पत्र किसी प्रत्याशी अथवा दल की जीत के बारे में एक ईमानदारी भरा मूल्यांकन कर सकते हैं, और ऐसे प्रयास केा पेड न्यूज नहीं मान सकते जब तक कि यह स्थापित न हो जाए कि ऐसी खबर छापने के लिए धन का आदान-प्रदान या पत्रकारिता के मानदण्डों से समझौता हुआ है।
चौधरी ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि अखबार की नीति के अंन्तर्गत किसी पार्टी, विचार अथवा क्षेत्र के प्रत्याशी को समर्थन देने की बात हो सकती है और इसे पेड न्यूज नहीं माना जायेगा। किसी प्रत्याशी द्वारा किसी दिन विज्ञापन प्रकाशित करने मात्र से उसी दिन उस प्रत्याशी के पक्ष में समाचार भी आने को भी निर्णायक रूप से पेड न्यूज नहीं माना जा सकता।
उन्होंने कहा कि राज्य के निर्वाचन अधिकारियों को किसी समाचार को पेड न्यूज के रूप में अवधारित करने के पहले बहुत न्यायोचित समझ के साथ विचार करना होगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बैठक में कहा कि प्रेस काउन्सिल के सहयोग से पेड न्यूज पर अच्छी रोशनी पड़ी है और इसके लिए वह प्रेस काउन्सिल के आभारी हैं।
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