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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की जनाक्रोश रैली में मुलायम सिंह के पहुंचते ही जान आ गई

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की जनाक्रोश रैली के सभामंच पर मुलायम सिंह यादव के पहुंचने से कार्यकर्ताओं में जोश भर गया। शिवपाल ने उनकी अगवानी की और हाथ का सहारा देकर रैली मंच पर ले गए। मुलायम की बहू अपर्णा यादव भी रैली में पहुंची। इस मौके पर उमड़ी भीड़ देखकर गदगद शिवपाल यादव ने कहा कि रैली देश से भाजपा को हटाने के लिए है। देश 51304 अरब के कर्ज है। 1086 वर्ग मील पर पाकिस्तान का और 37 हजार किमी पर चीन का कब्जा है। पीएम कहते हैं कि उनका 56 इंच का सीना है। अब एकाध इंच बढ़कर 57 इंच हो गया होगा लेकिन आपके सीने में दम नहीं है। पाकिस्तान तक का कब्जा बढ़ता जा रहा है।

नेताजी से पूछकर बनाई पार्टी

शिवपाल ने कहा कि यहां नेताजी बैठे हैं। आपके साथ मैंने 40 साल काम किया है। हम तो नेताजी से साथ सपा में ही रहना चाहते थे। मुख्यमंत्री क्या मंत्री का भी पद नहीं मांगा। नेताजी ने जो आदेश दिया उसका पालन किया। परिवार में चाहे छोटा हो या बड़ा है  सबकी बात सुनी। आप सब लोग थे रजत जयंती पर मैंने कहा था कि मुझे कोई पद नहीं चाहिये। मुझे तो बस सम्मान चाहिए था। नेताजी के सम्मान चाहिये था। नेताजी मैने बहुत इंतजार किया। आपने भी बहुत प्रयास किया। लेकिन यह सब चुगलखोर, चापलूसों और और जनाधार विहीन लोगों की वजह से हुआ। मैंने उनका भी सम्मान किया लेकिन नेताजी न आपकी सुनी गई और न मेरी सुनी गई। तब मैंने आपसे पूछकर पार्टी बनाई। भगवती सिंह, रामनरेश यादव गवाह है कि आपसे पूछा था। दुबारा भी आपसे पूछा तब पार्टी बनाई।  देश को फिर से दंगे में झोंकने की साजिश है। नेताजी आप मुख्यमंत्री थे तब अक्टूबर 1989 में आपने बाबरी को बचाया था लेक़िन 1992 में क्या हुआ। हम देश को फिर दंगे में नही झोंकने देंगे।

मुलायम की छोटी बहू अपर्णां क्या बोलीं

मुलायम की छोटी बहू अपर्णां यादव ने कहा कि आज की रैली इस बात का सबूत है कि शेर को चोट नहीं देनी चाहिए। जब नेताजी (मुलायम) को चोट पहुंची तो वह शिक्षक से राजनेता बने। अब चाचा (शिवपाल) को चोट पहुंची है। देखिए क्या होता है? उल्लेखनीय है कि सपा से अलग होकर शिवपाल सिंह यादव आज अपनी पहली रैली के जरिए राजनीतिक ताकत का अहसास करा रहे हैं। उनके समर्थकों ने रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। जनाक्रोश रैली में भीड़ जुटी है। शिवपाल की रैली को सेक्युलर मोर्चा के बैनर से जुड़े 40 से अधिक छोटे दलों का भी समर्थन है।

मुलायम के पहुंचते ही कार्यकर्ताओं में जोश 

अपर्णा ने जनाक्रोश रैली मंच से कहा कि भारत एक सेक्युलर देश है। हमें पानी, बिजली, सड़क सब चाहिए पर आज हमको ऐसा कुछ नहीं मिला। किसान, मजदूर, युवा, किसी की भी सुनवाई नहीं हो रही है। आज परिवर्तन का दिन है, 2019 में आप तय करिए कि आपको किसको चुनना है। मैं आभारी हूं कि चाचा ने मुझे बोलने का मौका दिया, मैं तन मन धन हर तरह से आपके साथ हूं। शिवपाल सिंह यादव हमेशा कहते रहे हैं कि बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के आशीर्वाद से ही उन्होंने पार्टी बनाई है। आज मुलायम के रैली मंच पर पहुंचते ही कार्यकर्ताओं में जोश भर गया। समझा जाता है कि दूसरे दलों के कई प्रमुख नेता पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण कर रहे है। जनाक्रोश रैली के जरिए जनसाधारण के आक्रोश को स्वर देने की बात कही गई है। गरीब, किसान, मजदूर के आक्रोश को स्वर देना इस आयोजन का इरादा है।

नए संदर्भों में सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष

शिवपाल ने कह रखा है कि हम सामाजिक विकास में पिछड़ गए तमाम जातीय समूहों और वर्गो को अपने साथ जोडऩा चाहते हैं। पार्टी सामाजिक न्याय की लड़ाई को नए संदर्र्भों से जोड़ते हुए लड़ेगी। जनाक्रोश रैली के लिए रमाबाई अंबेडकर मैदान और आसपास का इलाका पार्टी के झंडों, बैनरों, होर्डिंग्स व पोस्टरों से सजाया गया था। यूपी के जेहन में सवाल, उम्मीद शिवपाल, फिर संघर्ष की मशाल, आपके लिए निकल पड़े शिवपाल, हजार सवाल और एक जवाब शिवपाल जैसे नारे लिखे होर्डिंग्स से राजधानी पटी नजर आती रही। 

रैली में प्रदेश भर के शिवपाल समर्थक

शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी में उपेक्षा से क्षुब्ध होकर पहले समाजवादी सेकुलर मोर्चा और फिर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई और 75 जिलों में संगठनात्मक ढांचा खड़ा किया। इसके बाद आनुषांगिक संगठनों को सक्रिय किया। रैली के लिए शिवपाल के समर्थक प्रदेश के कोने-कोने से यहां पहुंचे हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सीपी राय ने अभूतपूर्व रैली का दावा किया है। 

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