केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने एकजुट होते विपक्षी नेताओं को लेकर कहा कि ये एक शेर को नीचे गिराने के लिए मौकापरस्तों का गठबंधन है और देश की जनता जानती है कि किसेक हाथ में देश का नेतृत्व सुरक्षित है। उत्तर प्रदेश में हुए सपा-बसपा के गठबंधन को लेकर शर्मा ने कहा कि इन दोनों दलों के नेता ही प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं और अगर वे जीत भी जाते हैं तो बुआ-भतीजा में प्रधानमंत्री बनने के लिए फिर से लड़ाई होगी और गेस्ट हाउस कांड दोबारा होगा। महेश शर्मा यहां दैनिक जागरण कार्यालय में सवालों के जवाब दे रहे थे।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की बीमारी को लेकर कहा कि ये एक संक्रामक रोग है। भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन जब हुआ तो हजारों कार्यकर्ताओं आए। संभवतः इस दौरान उन्हें ये रोग लग गया। और उनके अलावा भाजपा नेता रामलाल को भी समय रहते अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया।
सार्वजनिक जीवन में भाषा की मर्याद पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सामाजिक-राजनीतिक जीवन में किसी भी तरह की बदजुबानी की कोई जगह नहीं है और न ही उसका कोई असर पड़ता है। सुनने वाले लोग और बाद में स्वय व्यक्ति विशेष भी उस बात का विश्लेषण करता है कि मैंने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल क्यों किया। हमारे शिष्टाचार और खासतौर पर हमारी भारतीय संस्कृति में इसका कोई स्थान नहीं है। और विवेकानंद जी का वह शब्द कि आप दूसरे से वह व्यवहार करो जिसकी आप अपने लिए अपेक्षा करते हैं।
‘जनता जानती है किसका चुनाव करना है’
विपक्षी एकजुटता को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘देश की जनता अब समझदार हो चुकी है। पारदर्शिता से चुनाव होते हैं। कई राज्यों में गुंडागर्दी के बल पर चुनाव करने की कोशिश की गई। इससे पहले कई लोगों को वोट नहीं डालने दिया जाता था। लेकिन चुनाव अब पारदर्शिता से होने लगे हैं। आज देश की जनता जानती है कि चुनाव राष्ट्रीय नेतृत्व का है।
उन्होंने आगे कहा, ‘आज चुनाव एक ऐसे नेता का है, एक ऐसे दल का है, जो पारदर्शिता से भ्रष्टाचार रहित शासन दे सके देश को। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश ही नहीं विश्व में भारत, भारतीयता और भारत के लोगों का सम्मान बढ़ाया है। और जितने विकास के कार्य मोदी के नेतृत्व में इस सरकार ने किए हैं। देश चाहता है एक मजबूत सरकार और ये जो गठबंधन के लोग हैं, ये चाहते हैं मजबूर सरकार।’
प्रधानमंत्री बनने की बारी आएगी तो गेस्ट हाउस कांड दोबारा होगा’
उत्तर प्रदेश में हुए सपा-बसपा गठबंधन को लेकर महेश शर्मा ने कहा, ‘अभी तक जो चर्चा है, उसमें 38-38 सीटों पर बंटवारा हुआ है और दोनों ही प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। जबकि बहनजी की पार्टी का तो एक भी सांसद नहीं है और दूसरी पार्टी के 6 हैं और लोकसभा में प्रधानमंत्री बनने के लिए 272 चाहिए तो अगर इनकी 76 सीटें आ भी गईं तो 200 सीटें कहां से लाएंगे?. इससे भी पहले तो जब प्रधानमंत्री बनने की बारी आएगी तो बुआ-भतीजा ही लड़ेंगे और गेस्ट हाउस कांड दोबारा होगा।’
कांग्रेस के गठबंधन से बाहर रहने पर महेश शर्मा ने कहा, ‘गठबंधन विचारधाराओं का होता है, मौकापरस्तों का नहीं होता। जो जज्बाती रिश्तों को तराजू में तोलते हैं, उसकी कीमत लगाते हैं, उनका गठबंधन नहीं हुआ करता है। ये रिश्ता घटिया होता है। ये गठबंधन मौकापरस्तों का है, सिर्फ एक शेर को नीचे गिराने के लिए है। देश की जनता जानती है कि किसके हाथ में देश का नेतृत्व सुरक्षित है।’