नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को विश्व के सामने बलूचिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में लोगों पर हो रहे अत्याचारों का जवाब देना होगा। कश्मीर के विषय पर सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा विदेश मंत्रालय को प्रयत्न करना चाहिए कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के वासी जो विश्व के विभिन्न देशों में रह रहे हैं, उनसे संपर्क साधे, उनसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की दयनीय स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करें और विश्व समुदाय को उसकी जानकारी दें। उन्होंने कहा ”पाकिस्तान भूल जाता है कि वह अपने देश के नागरिकों पर लड़ाकू विमान से बम बरसाता है। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को विश्व के सामने बलूचिस्तान में और पाक-अधिकृत कश्मीर में लोगों पर हो रहे अत्याचारों का जवाब देना होगा। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर की बात होती है तो जम्मू-कश्मीर राज्य के चार भागों की बात करनी चाहिए जिसमें जम्मू, कश्मीर-घाटी, लद्दाख और पाक-अधिकृत कश्मीर भी हैं। सीमापार से आतंकवाद को कश्मीर में अशांति की जड़ बताते हुए पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा इसको मुख्यतः पडौसी देश से प्रोत्साहन मिलता है।
उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद का मुकाबला पूरी शक्ति और संकल्प से करेगा और यह हमारा राष्ट्रीय दायित्व है । भारत कानून के नियम के लिए प्रतिबद्ध है। इसे भारत की कमजोरी समझना विरोधी ताकतों की बड़ी भूल होगी । भारत आतंकवाद को समाप्त करने के लिए संकल्प-बद्ध हैं। भारत के लिए साधन और साध्य दोनों ही महत्वपूर्ण हैं और देश दोनों का निर्वाह करने में सक्षम हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा वह संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के अनुरूप कश्मीर समस्या के स्थायी और शांतिपूर्ण हल के लिए प्रतिबद्ध हैं। ”हम खुले विचारों वाले हैं और हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। हम पूरे जम्मू और कश्मीर राज्य के हर नागरिक के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। समाधान ढूंढने के लिए हम श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करते रहे हैं,” उन्होंने कहा I
जम्मू कश्मीर में हाल ही में हुई घटनाओं पर गहरा दुख प्रकट करते हुए उन्होंने कहा उन्हें यह देखकर बहुत दुख होता है कि बच्चे अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, सेब का उत्पादन मंडियों तक पहुँच नहीं पा रहा, दुकानदारों की दैनिक आमदनी नहीं हो रही है और सरकारी कार्यालय लोकहित के कार्य नहीं कर पा रहे हैं। इस स्थिति से सबसे अधिक गरीब प्रभावित है।
”चाहे कोई भी हताहत हो, दुःख हम सब को होता है | उनके परिवारों के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है। घायल हुए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं और साथ ही हम जल्द से जल्द घाटी में शांति स्थापित करना चाहते हैं ताकि यहां के लोग अपना सामान्य जीवन जी सकें, अपनी रोजी-रोटी कमा सकें, अपने बच्चों को पढ़ा सकें और रात में सुकून से सो सकें।”
जम्मू और कश्मीर को न केवल क्षेत्रीय अखंडता का मुद्दा है बताते हुए उन्होंने कहा यह हमारी राष्ट्रीयता की परिभाषा भी है। इन हक़ीक़तों से कोई इनकार नहीं कर सकता कि सुरक्षा बलों ने हर प्रकार की चोटें सही हैं, उनके ऊपर सुनियोजित हमले हुए हैं . इसके बावजूद भी सुरक्षा बलों ने संयम दिखाया है। उन्होंने कहा कुछ तत्वों के दुष्प्रचार के बावजूद, कश्मीर में भ्रम और अशांति फैलाने वालों, और बच्चों को उकसाने वालों का प्रतिशत बहुत कम है। हर कश्मीरी अमन चैन चाहता है और लोकतंत्र में विश्वास रखता है। इसलिए, लगातार चुनाव के बाद चुनाव में, कुछ अलगाववादी तत्वों द्वारा दी गई धमकियों के बावजूद, कश्मीर की जनता ने भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी आस्था व्यक्त की।
उन्होंने कहा कुछ इलाकों में, क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ प्रतिबन्ध लगाए गए | यह कानून व्यवस्था को बनाए रखने का एक कानूनी कदम है। अन्यथा शान्तिप्रिय जनसमूह के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा । वास्तव में, आम नागरिकों को इतनी परेशानी इन प्रतिबंधों से नहीं हुई जितनी की अलगाववादी तत्वों द्वारा लगातार दिए जा रहे हड़ताल से हुई।
इसी दौरान, अमरनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक आयोजन होता रहा | साथ ही, लदाख में सौर ऊर्जा पर भी राज्य सरकार विशेष कार्य कर रही है | कुछ अलगाववादी तत्व इस समय का फायदा उठाकर कश्मीर के अमन और शांतिप्रिय नागरिकों को अनावश्यक बाधा पहुंचाने की चेष्ठा कर रहे हैं |
आंकड़े देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कश्मीर में जब से आतंकवाद 1989-1990 से प्रारंभ हुआ, तब से अब तक सुरक्षा कर्मियों की कार्यवाही में 34 हजार से ऊपर AK 47 राईफल, 5 हजार से ऊपर ग्रेनेड लॉन्चर, करीब 90 लाइट मशीन गन, 12 हजार से ऊपर पिस्तौल और रिवॉल्वर, 3 एंटी-टैंक और चार एंटी एयरक्राफ्ट गन, 350 से अधिक मिसाइल लॉन्चर, आर डी एक्स समेत 63 हजार किलो विस्फोटक और एक लाख से अधिक ग्रेनेड आदि बरामद हुए हैं। इस अवधि में 5 हजार से अधिक विदेशी आतंकवादी, जो कि 5 बटालियन के बराबर हैं, मारे गए है।
उन्होंने कहा इतने हथियार बरामद हों, इतने विदेशी आतंकवादी घाटी में मार-काट हेतु आएं हों, फिर पाकिस्तान चाहे लाख झूठ बोले, तो भी दुनिया कभी उसके दुष्प्रचार को स्वीकार नहीं करेगी |
प्रधानमंत्री ने कहा उनकी सरकार बुनियादी अधिकारों के लिए पूर्णतः कटिबद्ध हैं और आतंकवाद के विरुद्ध भी भारत के क़ानून जितने मानवीय हैं, उतने विश्व के और किसी लोकतंत्र में नहीं हैं | देश की सरकारों और हमारी सुरक्षा बलों नें इन घटनाओं से निपटने में संयम को दर्शाया है।
उन्होंने कहा घाटी से विस्थापित कश्मीरी पंडितों के विषय में उन्होंने कहा स्तविकता यह भी है कि कश्मीर घाटी में सदियों से रह रहे कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी में अपने पूर्वजों के घरों से विस्थापित किया गया है। एक समुदाय विशेष के विरुद्ध इस प्रकार की ज्यादती पाकिस्तान में प्रशिक्षित, पाकिस्तान द्वारा हथियारों से लैस किये गए आतंकवादियों एवं उनसे सहानुभूति रखने वालों का काम है। यह कदापि कश्मीरियत में विश्वास रखने वालों का काम नहीं है ।
उन्होंने कहा जम्मू कश्मीर के सर्वागीण विकास के लिए पिछले दिनों ही राज्य सरकार की राय से 80 हजार करोड़ से ऊपर का एक विकास पैकेज पर फैसला लिया गया है। इस पैकेज के अंतर्गत केवल सड़क और बिजली ही नहीं बल्कि जम्मू एवं कश्मीर के हर क्षेत्र व हर वर्ग के संपूर्ण विकास का ध्यान रखा गया है। बच्चों को अच्छी शिक्षा की सुविधा, युवाओं को रोजगार, चिकित्सा के लिए आधुनिक सुविधाएं, राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं, राज्य में फलों के उत्पादन के लिए विशेष सुविधा आदि शामिल हैं।
तुरंत रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि 10 हजार स्पेशल पुलिस अफसर, लगभग 1200 पैरा मिलिटरी व 5 IR बटालियन में लगभग 4000 पदों पर नियुक्ति की जायेगी। इसके अतिरिक्त उड़ान व हिमायत योजना में लगभग 1 लाख 25 हजार लोगों को प्रशिक्षण कराने का उद्देश्य है ताकि बेरोजगारों को उचित रोजगार मिल सके।
प्रधानमंत्री ने कहा केंद्र और राज्य की सरकारें यहां के लोगों की सभी जाय़ज शिकायतों को दूर करने और शांति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हिंसा, आतंकवाद और भारत विरोधी अन्य गतिविधियों से सख्ती से निपटा जाएगा वहीं हर किसी व्यक्ति की जाय़ज शिकायतों को सुना जाएगा और उन्हें दूर किया जाएगा।
उन्होंने कहा आतंकवाद और विध्वंस का जवाब सभी राजनीतिक दलों एवं देशवासियों को मिलकर देना होगा। आज जब आतंकवाद पूरे विश्व में बढ़ रहा है, ऐसे समय में हम जब पड़ोसी देश से शह पाए हुए आतंकवाद से घिरे हुए हैं, हमें इस लड़ाई के खिलाफ एक जुट होकर लड़ना होगा। सरकार की सभी राजनीतिक दलों से इस विषय पर रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा है। सभी राजनीतिक दलों को अपने मतभेदों को इस विषय पर भुलाकर राज्य में शांति-व्यवस्था और खुशहाली कायम करने में सहयोग करना होगा।
कश्मीर में अब तक की मुख्य नीति को पुनः दोहराते हुए उन्होंने कहा क़ानून व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखना किसी भी सरकार का दायित्व होता है। आतंक की कार्यवाही से समझौता नहीं होगा। लोकतांत्रिक परम्परा के अनुकूल ही सिविल सोसाइटी को नागरिक गतिविधियों से जोड़ते हुए, प्रोत्साहित किया जाएगा। लोकतंत्र की परम्परा के अनुकूल ही राजनीतिक प्रक्रिया को आदरपूर्वक बढ़ाया जायेगा । कश्मीर के नवयुवकों को भी राज्य की सक्रिय आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने की व्यवस्था में तेज़ी लाई जाएगी ।