लखनऊ। बसपा छोड़कर जा रहे नेताओं के बीच बुधवार को नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस, भाजपा और सपा के 5 विधायकों को बसपा ज्वाइन कराया। इनमें से कांग्रेस और सपा विधायकों को उनकी पार्टियां पहले ही क्रॉस वोटिंग के चलते सस्पेंड कर चुकी हैं। हालांकि इससे यह मैसेज देने की कोशिश की गई है कि अभी भी लोग बसपा में आने को तैयार हैं।कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि पार्टी में सोनिया-राहुल से उनके इर्द-गिर्द रहने वाले नेता मिलने नहीं देते थे। इस वजह से हम जनता की परेशानियां उन तक पहुंचा नहीं पा रहे थे। कई बार अमेठी आए राहुल से शिकायत भी की गई, लेकिन रवैया नहीं बदला। यही वजह रही कि कांग्रेस छोड़नी पड़ी। वहीं सपा के मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना सीट से विधायक नवाजिश आलम खान भी सपा से सस्पेंडेड हैं। नवाजिश का कहना है कि मायावती की नीतियों की वजह से उन्होंने बसपा ज्वाइन की। जब उनसे पूछा गया कि साढ़े 4 साल बाद बसपा की नीतियां समझ में आईं तो उन्होंने चुप्पी साध ली। वहीं शाहजहांपुर इलाके के भाजपा के पूर्व मंत्री अवधेश वर्मा ने भी बसपा ज्वाइन की है। उनका कहना है कि भाजपा अब व्यक्ति केंद्रित पार्टी हो गई है। यही वजह है कि बसपा ज्वाइन की है। वहीं अवधेश भी इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि बसपा भी व्यक्ति केंद्रित पार्टी है। वहीं नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि अभी इन सभी को टिकट का आश्वासन नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह बहनजी तय करेंगी कि टिकट मिलेगा या नहीं। हालांकि शामिल हुए लोगों की मानें तो वह बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि आगामी मानसून सत्र में बसपा दलितों और कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाएगी। उन्होंने बताया कि जहां भी दलितों पर मुस्लिमों पर अत्याचार हुआ वहां मायावती या बसपा के नेता पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर कांड में भी बसपा के नेताओं ने पीड़ितों का हालचाल लिया था।