जगदलपुर। बस्तर इन दिनों राजरोग कैंसर जिसे कर्क रोग भी कहते हैं से जूझ रहा है। यहां सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे अधिक हैं। सिरहासार में कैसर शिविर लगाकर 70 मरीजों की जांच की गई थी, जिसमें आधे से अधिक मरीज सर्वाइकल कैंसर से पीडि़त पाये गये। शिविर में पधारे डॉ युसूफ मेमन ने बताया कि कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं हैं। आधुनिक तकनीक से कैंसर के खतरनाक स्टेज में पहुंचने के बाद भी लोगों की जान बचाई जा सकती है। इसके लिए लक्षण को देखते हुए सही समय पर डॉक्टर के पास जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक मरीज सर्वाइकल कैंसर से पीडि़त हैं जो उनके पास इलाज के लिए आते हैं। नि:शुल्क कैंसर जांच शिविर में 72 मरीजों को परीक्षण किया गया। जांच रायपुर से आएं सर्जन डॉ. मैमन गैस्टो सर्जन डॉ. दीपक पुरोहित, इमेटो सर्जन विकास गोयल व डॉ सच्चिदानंद पांडे ने मरीजों की जांच की।
डॉ युसूफ मैमन ने बताया कि बस्तर में सबसे अधिक सर्वाइकल कैंसर के मरीज आते हैं। इस रोग का कारण कम उम्र में शारीरिक संंबंध तथा हार्मोंस के जरिये कैंसर का फैलना है। कम उम्र में लडक़े व लड़कियों की शादी होना भी इस बीमारी का फैलने का कारण है। वहीं डॉ सच्चिदानंद पांंडे ने बताया कि यदि किसी को कैंसर है तो उसके जीन स्तर पर थेरेपी करके भी मरीज के जीवन को बचाया जा सकता है। कई मामले में तो इस तरह की थेरेपी से कैंसर पूरी तरह से ठीक भी हो जाता है। शिविर में मेडिकल की छात्राएं भी पहुंची। डॉक्टरों ने उन्हें कैंसर की पहचान से लेकर उससे पीडि़त न होने के लिए बरतने वाली सावधानियों के बारे में भी विस्तार से बताया।
कैंसर का मुख्य लक्षण यह है कि इससे शरीर की कोशिकाएं बढ़ जाती हैं, नाक, कान व गले से खून आता है पीलिया से साथ शरीर में खुजली होती है। पेट में दर्द, गले में दर्द, खाने-पीने से पेट में दर्द, सीने में गांठ पड़ जाना तथा मल काला होना आदि लक्षण हैं। चिकित्सकों ने बताया कि कैंसर से बचने के लिए शराब व सिगरेट से दूर रहें तथा हर चार घंटे के अंतराल में कुछ न कुछ खा पी लें। खाली पेट बिल्कुल न रहें तथा मोटापा बढ़ाने वाली चीजों से बचें। पीलिया होने पर अधिक गर्म खाना या पेय पदार्थ न लें तथा फाइवर वाली सब्जियों को खाने में अधिक से अधिक शामिल करें।