नई दिल्ली। भारत में बाल विवाह रोकने के लिए कनाडा ने करोड़ों रुपये का अनुदान दिया है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) और यूनिसेफ को दिए इस अनुदान का उद्देश्य तीसरी दुनिया के देशों जैसे भारत, बांग्लादेश, नाइजीरिया, हैती, नाइजर, सियरा लियोन, ग्वाटेमाला में बालविवाह के रोकने को लेकर आम लोगों में जागरुकता फैलाना है।
भारत में कनाडियन हाई कमीशन ने संयुक्त राष्ट्र की इन दोनों एजेंसियों के साथ मिलकर राजस्थान के जयपुर में एक कार्यक्रम आयोजित किया है। जिसका उद्देश्य भारत के ग्रामीण इलाकों के लोगों को बाल विवाह रोकने के लिए प्रेरित करना और बच्चों को बेहतर बचपन देना है। कनाडा सरकार ने यूएनएफपीए और यूनिसेफ दोनों ही एजेंसियों को 20-20 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया है। जिसमें से यूएनएफपीए को 3.25 मिलियन डॉलर सिर्फ भारत में बाल विवाह को लेकर लोगों को जागरुक करने के लिए दिए गए हैं।
इस मौके पर कार्यवाह कनाडियन हाई कमिश्नर जेस डूटन ने कहा कि कनाडियन सरकार ने बाल विवाह रोकने को ना केवल अपनी विदेश नीति में हिस्सा दिया है, इसे अपने विकास कार्यो की रणनीति में भी शामिल किया है। कनाडा सरकार का मानना है कि लिंग समानता ना केवल एक मानवाधिकार है, ये विकास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है।