पटना। बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने माना कि राज्य के अंदर 10 लाख फर्जी राशन कार्ड के नाम पर सरकारी खजाने को 777 करोड़ रुपये का सीधे-सीधे चपत लगी । इस सरकार के अंदर हर तरफ घोटाला ही घोटाला हो रहा है, इस सरकार का सच सामने आ रहा है ।
डॉ. प्रेम कुमार ने शुक्रवार को कहा कि सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन साहनी ने यह बातें स्वंय स्वीकार किया है । एक साल के अंदरं राज्य में 10 लाख फर्जी राशन कार्ड के जरिए पिछले एक साल में अनाज सब्सिडी के नाम पर 777.6 करोड़ रुपये सरकार से लिए गये। राज्य के अंदर कुल 1.54 करोड़ राशन कार्ड हैं। सरकार मानती है कि अब तक के 52 प्रतिशत सर्वे के दौरान 5 लाख फर्जी कार्ड मिले और सर्वे पूरा होते-होते यह 10 लाख से भी ज्यादा हो सकता है।
डॉ. कुमार ने कहा कि अभी भी 48 प्रतिशत राशन कार्ड का सत्यापन करना बाकीं है। फर्जी राशन कार्ड में सर्वाधिक पटना व सारण जिले में पायीं गयीं। राज्य के अंदर 55 हजार राशन की दुकानें हैं, जिनमें 42 हजार राशन दुकान काम कर रहीं है। केन्द्र सरकार 55 हजार करोड़ टन ‘खाद्यान-नेशनल फूड सिक्यूरिटी स्कीम’ के तहत राज्यों को देती है, जिसमें बिहार का हिस्सा 54.84 लाख टन (21.936 टन गेहूं, 32.904 लाख टन चावल) मिलता है। राज्य के अंदर 1.54 करोड़ राशन कार्ड हैं और 8.57 करोड़ लोगों को सब्सिडी वाला राशन मिलता है। उन्होंने कहा कि सरकार बताएं कि इतने बड़े घोटाले के दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करने जा रहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में अभी तक कई घोटाले हो चुकें हैं, जिनमें दवा घोटाला, शिक्षक नियोजन घोटाला, टॉपर्स घोटाला, खिलाड़ी सम्मान घोटाला आदि शामिल हैं । सरकार विकास कार्यों में विफल होने के साथ-साथ धोटालों में अब्बल चल रहीं है।