2016 में हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण बंद कर दिया था। इसी मसले पर 17 मई, 2018 और 5 जून, 2018 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए।
इसके बाद बिहार सरकार ने एक कमेटी बनाई और उसकी सिफारिशों के आधार पर यह फैसला किया है। बिहार सरकार ने प्रोन्नति के लिए नौ प्रकार के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए निर्देश के अनुसार, आरक्षित वर्ग के उच्च पदों पर प्रमोशन के वही मानक लागू होंगे, जो अनारक्षितों के लिए हैं।
चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा फैसला
फैसले को 2019 के लोकसभा चुनाव और 2020 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले दिनों विपक्ष समेत सत्ताधारी दल के नेताओं ने भी इसकी मांग की थी। दरअसल, बिहार में दलितों को लेकर एनडीए और महागठबंधन में खींचतान चल रही है। दोनों पक्ष दलितों को अपने-अपने पाले में करने की कोशिश में जुटे हैं।