ब्रेक्जिट मामले में ब्रिटिश संसद के ऊपरी सदन से ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे को झटका लगा है। सांसदों ने 235 के मुकाबले 354 वोटों से उस प्लान को नामंजूर कर दिया, जिसके तहत सरकार को ब्रुसेल्स से बात करनी थी।
ब्रिटेन को इयू से निकालने का वादा
थेरेसा मे ने आम चुनाव में यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन को बाहर लाने के वायदे पर चुनाव लड़ा था। नतीजे अप्रत्याशित थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनकी सरकार दूसरे दलों के रहमोकरम पर है। ब्रेक्जिट से बाहर आने के फैसले पर सरकार अडिग है और वह संसद से इस पर स्वीकृति लेकर अपने कदम आगे बढ़ाना चाहती है। सोमवार को सरकार ने अपना प्लान सदन में पेश किया, लेकिन उसे झटका लग गया। अब मे की ताकत का पता बुधवार को तब चलेगा जब इस आशय का प्रस्ताव निचले सदन में पेश किया जाएगा।
अपने ही सांसदों का विरोध
सरकार को आज तगड़ा झटका तब लगा जब अपनी ही पार्टी के सांसदों का विरोध सरकार को झेलना पड़ा। मे के मंत्रियों की तरफ से सारे घटकाक्रम पर खेद जताया गया। उनकी संसद से अपील थी कि सरकार को ब्रेक्जिट मामले में नियम तय करने का अधिकार मिले। हालांकि ऊपरी सदन ने सोमवार को संकेत दिया कि सांसद इस अहम मामले में सारे कायदे तय करने का अधिकार अपने पास रखना चाहते हैं। आज के घटनाक्रम से साफ है कि थेरेसा मे को आने वाले दिनों में और ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। आने वाले दिनों में ब्रेक्जिट से जुड़े कई प्रस्ताव अभी संसद में पेश होने हैं।
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