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भोपाल घटना से लिया सबक, कानपुर कारागार की सुरक्षा बढ़ी

ami-karagarकानपुर। भोपाल जिला कारागार से आठ कैदियों के भागने के बाद कानपुर जेल प्रबंधन व जिला प्रशासन को हाई अलर्ट कर दिया गया है। जेल में कैदियों की निगरानी के साथ पहरा कड़ा कर दिया गया है। भोपाल में बीते दिनों जेल से भागे आठ सिमी आतंकवादियों की घटना से सबक लेते हुए कानपुर जिला कारागार में सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ा दिए गए हैं। जेल प्रबंधन के साथ-साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने निगरानी व सुरक्षा को लेकर लगातार मानीटरिंग की जा रही है। कैदियों के बैरकों से लेकर हर एक की गतिविधियों व दिनचर्या पर सुरक्षा कर्मी व नम्बरदारों के जरिए भी जेल प्रशासन नजर बनाए हुए है। कैदियों में मिलने आने वाले लोगों को गहनता से जांच की जा रही है। किसी भी बाहरी व्यक्ति के कारागार में मोबाइल ले जाने पर रोक लगा दी गयी है। बताते चलें कि वर्तमान में कानपुर जिला जेल में लगभग 3000 कैदी है। जिनमें कुछ आईएसआई के एजेंट व कई संवेदनशील कैदी बंद है। जिनकी सुरक्षा अतिरिक्त रूप से बढ़ा दी गयी है। जेल की दीवारों के पास पहरा बढ़ा दिया गया है। जेल और जिला प्रशासन प्रति माह बीच-बीच में निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जा रही है। जिस तरह से जेल प्रशासन दावे कर रहा है कि जेल में कैदियां की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से इंतजामात कर लिए गए है। इनमें कितनी सच्चाई व सक्रियता है यह तो आने वाले समय में पता चलेगा। सुरक्षा को लेकर जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि कैदियों ने निगरानी बढ़ाते हुए पहरा कड़ा कर दिया गया है। वहीं एडीएम सिटी अविनाश सिंह ने कहा कि जेल प्रशासन को भोपाल में जेल से भागे आठ कैदियों की घटना के बाद अलर्ट कर दिया गया है। कैदियों पर निगाह रखने के साथ-साथ उनसे मिलने वालों की गहनता से जांच के बाद ही अंदर जाने के निर्देश दिए गए है। सुरक्षा को भी बढ़ाने को कहा गया है। कानपुर जेल से भाग चुके है दो कैदीतीन महीने पहले दो कैदी चादरों को बांध कर जेल में बने नलकूप की छत से भाग निकले में कामयाब हो गए थे। भागने वाले कैदियों में नागेंद्र राजपूत और इम्तियाज थे। जिसमें चोटिल होने के चलते इम्तियाज को पकड़ लिया गया था, जबकि नागेंद्र राजपूत की तलाश में अभी भी पुलिस जुटी हुई है।

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