भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को जीएसटी को लेकर संसद में पारित संविधान संशोधन बिल सर्वसम्मति से पारित हो गया है। जीएसटी को विधानसभा में मंजूरी देने वाला मध्यप्रदेश पांचवां राज्य बन गया है। इसके पहले असम, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ की विधानसभा में इसे मंजूरी दी जा चुकी है। बुधवार को जीएसटी पर चर्चा के लिए मध्यप्रदेश विधानसभा की एक दिवसीय बैठक आहुत की गई। सदन की कार्रवाई प्रात: 11 बजे शुरू हुई और सर्वप्रथम तीन दिवंगत नेताओं रामचरित्र, मूल लिंह और उत्तम सिंह खटीक को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा द्वारा पांच मिनट की कार्रवाई स्थगित कर दी गई।
पुन: सदन की कार्रवाई शुरू होने पर विधि एवं विधायी मंत्री रामपाल सिंह ने विधेयक पटल पर रखते हुए संकल्प प्रस्तुत किया, जिस पर वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत मलैया ने जीएसटी विधेयक को विस्तार से सदन के सामने प्रस्तुत किया। इस बीच विपक्षी नेताओं ने प्रदेश में बाढ़ से मचे हाहाकार और सिंहस्थ में हुए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इन पर चर्चा करने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि केवल जीएसटी विधेयक पर चर्चा होगी। इसके बाद दोनों पक्षों द्वारा अपने-अपने पक्ष रखे हए और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 122वां संशोधित विधेयक को सर्वसम्मत्ति से पारित कर दिया। जीएसटी संशोधन विधेयक पर सदन में डेढ़ घंटे चर्चा हुई, जिसमें विपक्षी दल के नेताओं द्वारा कुछ शंकाएं भी जाहिर की गईं, जिसका वित्त मंत्री जयंत मलैया ने समाधान किया। विधानसभा उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने इस बिल का समर्थन करते हुए प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अभी इसे लागू होने में लम्बा समय लगेगा, लेकिन इससे यह तय है कि आम लोगों को लाभ होगा और देश के साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था और विकास को गति मिलेगी। सत्तापक्ष के साथ ही सदन में मौजूद विपक्ष के नेताओं ने भी इस बिल को अपना समर्थन दिया। विदित हो कि लंबे समय से अटके जीएसटी संशोधित विधेयक को केंद्र की मोदी सरकार ने इस मानसून सत्र में इस लोकसभा और राज्यसभा के दोनों सदनों में पास करा लिया था। जिसके बाद इसे राज्यों का भी अनुमोदन कराना जरूरी है। मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को यह बिल पारित हो गया और इसके साथ ही यह बिल पास करने वाला मध्यप्रदेश देश का पांचवां राज्य बन गया।