पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने उछाल के मामले में मनमोहन शासनकाल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। रविवार को 33 पैसे की वृद्धि के साथ दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 76.24 रुपये प्रति लीटर रही। इससे पहले संप्रग-2 के शासनकाल में 14 सितंबर, 2013 को पेट्रोल की कीमत 76.06 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई थी। रविवार को राजधानी में डीजल की कीमत 26 पैसे बढ़ोतरी के साथ 67.57 रुपये प्रति लीटर रही, जो अब तक की सबसे ज्यादा है। कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर 19 दिन तक तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रखे थे। हालांकि, मतदान के अगले ही दिन से इनकी कीमतों में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई, जो लगातार जारी है।
बताया जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के समय कीमतें स्थिर रखने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने से तेल कंपनियों को 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनियां घाटे की भरपाई के लिए अगले कुछ दिन में पेट्रोल की कीमतों में 4 से 8 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि कर सकती हैं। पिछले सात दिन में पेट्रोल की कीमत में 1.16 रुपये, जबकि डीजल के दाम में 1.64 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है।
बताया जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के समय कीमतें स्थिर रखने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने से तेल कंपनियों को 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनियां घाटे की भरपाई के लिए अगले कुछ दिन में पेट्रोल की कीमतों में 4 से 8 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि कर सकती हैं। पिछले सात दिन में पेट्रोल की कीमत में 1.16 रुपये, जबकि डीजल के दाम में 1.64 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है।