नई दिल्ली। शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर कांग्रेस ने ब्राह्मण कार्ड तो खेल ही दिया, अब वो एक क़दम और आगे जा रही है। प्रशांत किशोर की सलाह के मुताबिक, 100 सीटें ब्राह्मणों को, 70 सीटें राजपूतों को और 30-32 बाकी अगड़ी जातियों को दी जा सकती हैं । प्रशान्त किशोर की सलाह को कांग्रेस आलाकमान ने भी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। यानी 403 की विधानसभा सीटों में से 200 से ज़्यादा सवर्णों को दी जाएंगीं। जिसका पार्टी पहले से ही प्रचार प्रसार करना शुरू कर देगी। इस पर आजतक से बातचीत में कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा कि, कांग्रेस सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी है, लेकिन ब्राह्मण नेता शीला दीक्षित को अगर सीएम उम्मीदवार बनाया है तो क्या हर्ज है और अगर योग्य ब्राह्मण उम्मीदवारों को ज़्यादा टिकट मिलते हैं तो किसी को क्या दिक्कत.रणनीति के मुताबिक, गैर पार्टी मंचों से तमाम ब्राह्मण और राजपूत सम्मलेन कराये जायेंगे। वहां कांग्रेस के नेता बतौर ब्राह्मण हिस्सा लेंगे। खासतौर पर ब्राह्मणों से कहा जायेगा कि-1. अबकी बार आखिरी बार, यानी 1989 में आखिरी बार कांग्रेस की ही सरकार में एनडी तिवारी यूपी के आखिरी ब्राह्मण सीएम थे। उसके बाद बीजेपी, सपा, बसपा की सरकारें बनीं, लेकिन किसी ने ब्राह्मण को सीएम नहीं बनाया, अब कांग्रेस ने हिम्मत की है, अबकी बार भी नहीं बना तो ये राज्य में किसी ब्राह्मण के सीएम बनने का मौका फिर शायद न आये।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal