लखनऊ। शहर के बाजारों में 90 से 105 रुपए लीटर (910 ग्राम) में कच्ची घानी वाला सरसों तेल खरीद रहे हैं।
तो जान लीजिए इसकी गुणवत्ता से आपकी और आपके परिवार की सेहत पर असर पड़ रहा है।
वजह सरसों की कीमत बाजार में 4300 से 4400 रुपए प्रति क्विंटल चल रही है। सरसों के तेल और सरसों की दर में इतना बड़ा अंतर है।
मिल में पेराई के बाद बाजार में सरसों तेल की लागत 120 रुपए किलो के पार पहुंच रही है। यानी अव्वल दर्जे की तीन किलो काली सरसों से एक किलो तेल और ढाई किलो पीली सरसों की पेराई से एक किलो तेल निकलता है। इससे तेल की गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजिमी है।
शहर में आधा दर्जन से अधिक तेल कारोबारी 40-50 रुपए में मिलने वाले पॉम ऑयल व वेस्ट खाद्य तेल को बोतल में बंद कर शुद्ध कच्ची घानी सरसों तेल के नाम से बेच रहे है। मुनाफाखोर उत्पादों में मिलावट कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। प्रशासन की अनदेखी के चलते उपभोक्ता पूरा पैसा देने के बाद भी मिलावटी तेल खाने को मजबूर हैं। हालांकि गत वर्ष एफएसडीए ने सरसों तेल के करीब 78 नमूने जांच में मिलावटी पाए गए थे। वहीं हाल में करीब दर्जन भर नमूनों की जांच रिपोर्ट भी आ गई है जिसमें से सरसों के तेल के नमूने फिर से मिलावटी मिले हैं। इसकी जांच रिपोर्ट का खुलासा एफएसडीए इसी सप्ताह करेगा।
ऐसे तैयार होता है मिलावटी तेल
बाजार में पॉम ऑयल का तेल 50 से 55 रुपए प्रति लीटर है, जबकि राइस ब्रान 70 से 80 रुपए प्रति लीटर है। मिलावटखोर राइस ब्रान या पॉम ऑयल में आधा से एक तिहाई तक सरसों का तेल की मिलावट कर सरसों तेल बता बाजार में खपा रहे है। इन तेलों में खुशबू नहीं होती है। सरसों के तेल की मिलावट होने के कारण यह सरसों की खुशबू देने लगता है। इस तेल का रंग पीला दिखाने के लिए पीला केमिकलयुक्त रंग मिलाया जाता है। इसके बाद तेल को मार्केट में सप्लाई कर दिया जा रहा है।
प्रति टीन पर 600 तक का मुनाफा
बाजार में नामी ब्रांडेड सरसों का तेल 90 से 130 रुपए लीटर तक बिक रहा है। सरसों के तेल में मिलावट के बाद इसे बाजार में असली तेलों के भाव में ही बेचा जा रहा है। मिलावटखोर बाकायदा ब्रांडेड कंपनियों के रैपर लगाकर टीन, पाउच व बोतल धड़ल्ले से खपा रहे है। मिलावटखोर प्रति टीन पर 600 रुपए तक का मुनाफा कमा रहे हैं।
इन इलाकों में चल रहा मिलावटी तेल का धंधा
तेल के कारोबार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दुबग्गा, मडिय़ांव, चौक, ठाकुरगंज, मोहनलालगंज, बंथरा, सरोजनीनगर, ठाकुरगंज, तेलीबाग, डंडइया बाजार, गणेशगंज, यहियागंज, कैंपबेल रोड, अमीनाबाद, ट्रांसपोर्टनगर, नाका हिंडोला आदि इलाकों में धड़ल्ले से मिलावटी सरसों का तेल बनाया जा रहा है। इन स्थानों पर अफसरों की सख्ती भी न के बराबर ही है। पिछले कुछ वर्षों में इन्हीं इलाकों से सरसों के तेल के नमूने भरे गए हैं और जांच रिपोर्ट में मिलावटी मिले हैं। एडीएम कोर्ट से इन पर जुर्माना भी लग चुका है।
इन कारोबारियों से यहां से मिला था मिलावटी सरसों का तेल
1- कैंपबेल रोड स्थित राज ट्रेडर्स के गोदाम से सरसों के तेल, महाकोश रिफाइंड सोयाबीन और तुलसी जनरल वनस्पति के नमूने रुची सोया इंडस्ट्री ट्रांसपोर्टनगर से भरे गए थें। लैब से आई जांच रिपोर्ट में ये मिलावटी मिले थे।
2- जीआईसी ग्राउंड हिमांशु पुत्र विद्या प्रकाश की दुकान का पामोलिन रिफाइंड तो पूरी तरह से ही घटिया निकाला। जांच रिपोर्ट में पिछले वर्ष इसे अनसेफ करार दिया गया था। जांच के लिए पामोलिन ऑयल के नमूने दोबारा लैब जांच के लिए भेजे गए हैं।
3- बाईपास रोड लालगंज के पास से शेर बहादुर पुत्र रामआसरे की दुकान से सरसों के तेल के नमूने जांच में पहली बार अनसेफ मिलने पर दोबारा मेरठ की लैब भेजा गया था। दोबारा भी अनसेफ मिला था। सीजेएम कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन है।
4- इसके अलावा दबंग, बुलेट और शालीमार कंपनी के सरसों के तेल भी मिलावटी मिलने के बाद एडीएम कोर्ट से जुर्माना भी लग चुका है।
कहां से आता मिलावटी तेल
राजधानी में कानपुर, मुरैना, ग्वालियर और से ट्रैकरों में खुला सरसों का तेल आता है। इन खुले सरसों के तेल में कई कम्पनियां टीन, पाउच और बोतलों में पैक कर उत्पाद की बिक्री कर रही है। ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए प्रदेश में पैक कर बेचे जा रहे तेलों में बड़ी मात्रा में मिलावट की जा रही है।
प्रति व्यक्ति सालाना खपत 11 किलो
देश के हर घरों की रसोई में खाद्य तेलों का इस्तेमाल होता है। तीज-त्यौहार पर इसकी मांग बढ़ जाती है। अदानी विल्मर लिमिटेड के क्षेत्रीय प्रबंधक एसएन श्रीवास्तव की माने तो प्रदेश में प्रति व्यक्ति 11 किलो सरसों के तेल की खपत होती है। उन्होंने बताया कि बाजार में बहुत से ब्रांड मिलावटी सरसों का तेल बेच रहे है।
बाजार में तेल का भाव प्रति लीटर
सरसों स्पेलर 100
सरसों ब्रांडेड 90 से 135
पाम आयल 40 से 50
रिफाइंड 85 से 115
डालडा 80 से 90
ब्रांड वाले सरसों के तेल के रेट
फारच्यून 105/ली.
कैल कोल्हू 100/ली.
पतंजलि 130/ली.
बुलेट 100/ली.
शालीमार 95/ली.
रिफाइंड के रेट
पतंजलि 115/ली.
रथ 80/ली.
बैल कोल्हू 90/ली.
सफोला 135/ली.
सोयाबीन 85/ली.
मूंगफली ऑयल 110/ली.
ये है मिलावट का गणित
पीली सरसों-4400 रुपए क्विंटल
मिलिंग खर्च-250 रुपए प्रति क्विंटल
2.50 किलो सरसों की कीमत-11,000
एक क्विंटल शुद्ध तेल की लागत 11,000
पेराई के बाद निकली खली-140 किलो
खली की कीमत-1500 रुपए
पैकिंग और उत्पाद का ट्रांसपोर्ट खर्च-
बाजार में उपलब्ध तेल की कीमत-90 से 105 रुपए प्रति ली.
कोट- मिलावटी सरसों के तेल के नमूने समेत अन्य खाद्य सामग्री के नमूने होली से पहले भरे जाएंगे। इसके लिए विभाग ने टीमें तैयार कर ली हैं। चिन्हित स्थानों पर भी कार्रवाई की जाएगी। राजेश कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट