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गीतकार-फिल्ममेकर गुलजार ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में विभाजन के दर्द, बदलते समय और अपनी पत्नी राखी संग अपने रिश्ते के बारे में बात की. गुलजार और राखी अपनी बेटी मेघना के जन्म के कुछ समय बाद ही अलग हो गए थे, लेकिन दोनों ने कभी तलाक नहीं लिया. इस पर गुलजार ने कहा कि न हमने तलाक लिया ना अलग हुए. बस हम दूर-दूर बैठ गए. मैं अभी भी उन्हें डांटता हूं. अलगाव शब्द हमारे रिश्ते के लिए सही नहीं है. गुलजार और उनकी बेटी और फिल्ममेकर मेघना गुलजार इंडिया टुडे के नए शो India Today India Tomorrow में मेहमान बनकर आए थे. दोनों ने राजदीप सरदेसाई के साथ अपनी जिंदगी के कई किस्से शेयर किए. हॉकी प्लेयर संदीप सिंह की कहानी सुन भावुक हो गए थे गुलजार गुलजार ने कहा "मैंने विभाजन का दर्द देखा है. विभाजन के बाद कई लोग बेघर हो गए थे और सड़कों पर रहने लगे थे. उस समय बेरोजगारी बढ़ गई थी. मैंने उस समय का खून-खराबा देखा है. 20 साल बाद भी वो मंजर मेरे सपने में आता था. मेरे अंदर बहुत कुछ भरा था, जो कविता के माध्यम से बाहर आना चाहता था. " गुलजार गैराज में गाड़ियों पर टच अप करते थे. उन्होंने कहा, "वहां मुझे लिखने और पढ़ने का समय मिल जाता था और वहीं से मैंने कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी. " बदलते समय के साथ उनके लिखने का स्टाइल भी बदलता गया. इस बारे में गुलजार ने कहा कि समय के साथ जिंदगी बदलती है, रहन-सहन बदलता है तो लिखने का तरीका कैसे नहीं बदलेगा. 'शैलेंद कुमार, बिमल रॉय के साथ काम करना मेरे लिए गर्व की बात थी. सलिल चौधरी, एसडी बर्मन, रोशन जी का समय म्यूजिक के लिए गोल्डन पीरियड था.' उन्होंने कहा कि किताब मेरे लिए पैशन है. रास्ते में फिल्म इंडस्ट्री थी, जिसे मैंने सीखा और फिर मेरी जिंदगी में किताब वापस आ गई. गुलजार ने कई ऐसे भी गाने लिखे जिसमें तत्कालीन समाज की छवि दिखाई गई. उन्होंने सरकार पर प्रहार करते हुए भी कई गाने लिखे, जिसमें 'हाल चाल ठीक ठाक है', 'घपला है' जैसी फिल्में हैं. 'मटरू की बिजली का मनडोला' में 'हक लूटने वाला' गाना जमीन हथियाने जैसे मुद्दे पर आधारित था. गुलजार ने गानों को रीमिक्स करना अनैतिक बताया. उन्होंने कहा कि आप अजन्ता को फिर से रंग नहीं सकते. क्या आप जानते हैं अच्छे टेनिस प्लेयर भी हैं गुलजार? वहीं उनकी बेटी मेघना गुलजार ने कहा कि रीमिक्स गाने कभी ऑरिजनल गाने जैसे सफल नहीं हो सकते. अपने पापा के स्ट्रगल के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी बहुत मश्किल थी. 14 साल पहले जब मैं उनकी जिंदगी पर किताब लिख रही थी, तब मुझे उनके स्ट्रगल के बारे में पता चला. अपने पापा के फिल्मों के बारे में उन्होंने कहा "उनकी जैसी फिल्में बनाने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकती. मास्टरपीस को छूने की कोशिश किसी को नहीं करनी चाहिए." अपने माता-पिता के अलगाव के बारे में उन्होंने कहा, "मैंने दोनों को कभी साथ नहीं देखा. शुरू से मैं दो घरों को देखती आई हूं. पहले दोनों लड़ते नहीं थे. अब ज्यादा लड़ते हैं." उन्होंने यह भी कहा कि मम्मी-पापा ने मेरे बेटे को बिगाड़ दिया है. गुलजार की आने वाली किताब का नाम A poem a day है.

राखी संग अपने रिश्ते पर बोले गुलजार- हम कभी अलग नहीं हुए

गीतकार-फिल्ममेकर गुलजार ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में विभाजन के दर्द, बदलते समय और अपनी पत्नी राखी संग अपने रिश्ते के बारे में बात की.गीतकार-फिल्ममेकर गुलजार ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में विभाजन के दर्द, बदलते समय और अपनी पत्नी राखी संग अपने रिश्ते के बारे में बात की.  गुलजार और राखी अपनी बेटी मेघना के जन्म के कुछ समय बाद ही अलग हो गए थे, लेकिन दोनों ने कभी तलाक नहीं लिया. इस पर गुलजार ने कहा कि न हमने तलाक लिया ना अलग हुए. बस हम दूर-दूर बैठ गए. मैं अभी भी उन्हें डांटता हूं. अलगाव शब्द हमारे रिश्ते के लिए सही नहीं है.  गुलजार और उनकी बेटी और फिल्ममेकर मेघना गुलजार इंडिया टुडे के नए शो India Today India Tomorrow में मेहमान बनकर आए थे. दोनों ने राजदीप सरदेसाई के साथ अपनी जिंदगी के कई किस्से शेयर किए.  हॉकी प्लेयर संदीप सिंह की कहानी सुन भावुक हो गए थे गुलजार  गुलजार ने कहा "मैंने विभाजन का दर्द देखा है. विभाजन के बाद कई लोग बेघर हो गए थे और सड़कों पर रहने लगे थे. उस समय बेरोजगारी बढ़ गई थी. मैंने उस समय का खून-खराबा देखा है. 20 साल बाद भी वो मंजर मेरे सपने में आता था. मेरे अंदर बहुत कुछ भरा था, जो कविता के माध्यम से बाहर आना चाहता था. "  गुलजार गैराज में गाड़ियों पर टच अप करते थे. उन्होंने कहा, "वहां मुझे लिखने और पढ़ने का समय मिल जाता था और वहीं से मैंने कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी. "     बदलते समय के साथ उनके लिखने का स्टाइल भी बदलता गया. इस बारे में गुलजार ने कहा कि समय के साथ जिंदगी बदलती है, रहन-सहन बदलता है तो लिखने का तरीका कैसे नहीं बदलेगा.  'शैलेंद कुमार, बिमल रॉय के साथ काम करना मेरे लिए गर्व की बात थी. सलिल चौधरी, एसडी बर्मन, रोशन जी का समय म्यूजिक के लिए गोल्डन पीरियड था.'  उन्होंने कहा कि किताब मेरे लिए पैशन है. रास्ते में फिल्म इंडस्ट्री थी, जिसे मैंने सीखा और फिर मेरी जिंदगी में किताब वापस आ गई.  गुलजार ने कई ऐसे भी गाने लिखे जिसमें तत्कालीन समाज की छवि दिखाई गई. उन्होंने सरकार पर प्रहार करते हुए भी कई गाने लिखे, जिसमें 'हाल चाल ठीक ठाक है', 'घपला है' जैसी फिल्में हैं. 'मटरू की बिजली का मनडोला' में 'हक लूटने वाला' गाना जमीन हथियाने जैसे मुद्दे पर आधारित था.  गुलजार ने गानों को रीमिक्स करना अनैतिक बताया. उन्होंने कहा कि आप अजन्ता को फिर से रंग नहीं सकते.  क्या आप जानते हैं अच्छे टेनिस प्लेयर भी हैं गुलजार?  वहीं उनकी बेटी मेघना गुलजार ने कहा कि रीमिक्स गाने कभी ऑरिजनल गाने जैसे सफल नहीं हो सकते. अपने पापा के स्ट्रगल के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी बहुत मश्किल थी. 14 साल पहले जब मैं उनकी जिंदगी पर किताब लिख रही थी, तब मुझे उनके स्ट्रगल के बारे में पता चला.  अपने पापा के फिल्मों के बारे में उन्होंने कहा "उनकी जैसी फिल्में बनाने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकती. मास्टरपीस को छूने की कोशिश किसी को नहीं करनी चाहिए."  अपने माता-पिता के अलगाव के बारे में उन्होंने कहा, "मैंने दोनों को कभी साथ नहीं देखा. शुरू से मैं दो घरों को देखती आई हूं. पहले दोनों लड़ते नहीं थे. अब ज्यादा लड़ते हैं."  उन्होंने यह भी कहा कि मम्मी-पापा ने मेरे बेटे को बिगाड़ दिया है. गुलजार की आने वाली किताब का नाम A poem a day है.

गुलजार और राखी अपनी बेटी मेघना के जन्म के कुछ समय बाद ही अलग हो गए थे, लेकिन दोनों ने कभी तलाक नहीं लिया. इस पर गुलजार ने कहा कि न हमने तलाक लिया ना अलग हुए. बस हम दूर-दूर बैठ गए. मैं अभी भी उन्हें डांटता हूं. अलगाव शब्द हमारे रिश्ते के लिए सही नहीं है.

गुलजार और उनकी बेटी और फिल्ममेकर मेघना गुलजार इंडिया टुडे के नए शो India Today India Tomorrow में मेहमान बनकर आए थे. दोनों ने राजदीप सरदेसाई के साथ अपनी जिंदगी के कई किस्से शेयर किए.

गुलजार ने कहा “मैंने विभाजन का दर्द देखा है. विभाजन के बाद कई लोग बेघर हो गए थे और सड़कों पर रहने लगे थे. उस समय बेरोजगारी बढ़ गई थी. मैंने उस समय का खून-खराबा देखा है. 20 साल बाद भी वो मंजर मेरे सपने में आता था. मेरे अंदर बहुत कुछ भरा था, जो कविता के माध्यम से बाहर आना चाहता था. “

गुलजार गैराज में गाड़ियों पर टच अप करते थे. उन्होंने कहा, “वहां मुझे लिखने और पढ़ने का समय मिल जाता था और वहीं से मैंने कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी. “

बदलते समय के साथ उनके लिखने का स्टाइल भी बदलता गया. इस बारे में गुलजार ने कहा कि समय के साथ जिंदगी बदलती है, रहन-सहन बदलता है तो लिखने का तरीका कैसे नहीं बदलेगा.

‘शैलेंद कुमार, बिमल रॉय के साथ काम करना मेरे लिए गर्व की बात थी. सलिल चौधरी, एसडी बर्मन, रोशन जी का समय म्यूजिक के लिए गोल्डन पीरियड था.’

उन्होंने कहा कि किताब मेरे लिए पैशन है. रास्ते में फिल्म इंडस्ट्री थी, जिसे मैंने सीखा और फिर मेरी जिंदगी में किताब वापस आ गई.

गुलजार ने कई ऐसे भी गाने लिखे जिसमें तत्कालीन समाज की छवि दिखाई गई. उन्होंने सरकार पर प्रहार करते हुए भी कई गाने लिखे, जिसमें ‘हाल चाल ठीक ठाक है’, ‘घपला है’ जैसी फिल्में हैं. ‘मटरू की बिजली का मनडोला’ में ‘हक लूटने वाला’ गाना जमीन हथियाने जैसे मुद्दे पर आधारित था.

गुलजार ने गानों को रीमिक्स करना अनैतिक बताया. उन्होंने कहा कि आप अजन्ता को फिर से रंग नहीं सकते.

वहीं उनकी बेटी मेघना गुलजार ने कहा कि रीमिक्स गाने कभी ऑरिजनल गाने जैसे सफल नहीं हो सकते. अपने पापा के स्ट्रगल के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी जिंदगी बहुत मश्किल थी. 14 साल पहले जब मैं उनकी जिंदगी पर किताब लिख रही थी, तब मुझे उनके स्ट्रगल के बारे में पता चला.

अपने पापा के फिल्मों के बारे में उन्होंने कहा “उनकी जैसी फिल्में बनाने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकती. मास्टरपीस को छूने की कोशिश किसी को नहीं करनी चाहिए.”

अपने माता-पिता के अलगाव के बारे में उन्होंने कहा, “मैंने दोनों को कभी साथ नहीं देखा. शुरू से मैं दो घरों को देखती आई हूं. पहले दोनों लड़ते नहीं थे. अब ज्यादा लड़ते हैं.”

उन्होंने यह भी कहा कि मम्मी-पापा ने मेरे बेटे को बिगाड़ दिया है. गुलजार की आने वाली किताब का नाम A poem a day है.

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