लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी के मामले में राज्यपाल राम नाईक बेहद खफा है। रविवार को नाईक ने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर सवाल किया कि उनके कैबिनेट में बने रहने का क्या औचित्य है।
जानिए क्या लिखा है पत्र में
राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर कहा है कि इस प्रकार के मंत्री के कैबिनेट में बने रहने तथा उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से लोकतांत्रिक शुचिता, संवैधानिक मर्यादा के साथ ही साथ संवैधानिक नैतिकता का गंभीर प्रश्न उत्पन्न होता है। राज्यपाल ने अपने पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के कैबिनेट में बने रहने के औचित्य पर अपने अभिमत से उन्हें शीघ्रातिशीघ्र अवगत करवाएं।
नाईक ने कहा है कि मीडिया में आई खबरों के अनुसार, फरार चल रहे उक्त कैबिनेट मंत्री के विदेश भाग जाने की आशंका को देखते हुए गृृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उनके विरुद्ध न केवल लुक आउट नोटिस जारी किया गया है बल्कि पासपोर्ट प्राधिकारी ने उनका पासपोर्ट भी निलंबित कर दिया है।
महिला का आरोप है कि वह प्रजापति से लगभग 3 साल पहले मिली थी। उस समय मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ रेप किया और उसकी तस्वीरें भी ले ली। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इसके बाद प्रजापति ने उसको कई बार तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करते हुए रेप किया।
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