राज्यसभा के नए उपसभापति हरिवंश का सदन में पहला दिन काफी हलचल भरा रहा. इस दौरान उन्होंने कई रूल बुक का इस्तेमाल किया और प्राइवेट मेंबर के बिलों पर वोटिंग भी कराइ. वहीं उन्होंने पहले ही दिन सामजवादी पार्टी के सांसद विशंभर प्रसाद का प्रस्तावित एक प्राइवेट बिल वोटिंग के बाद रिजेक्ट कर दिया गया. इसी बिल में जाति के लोगों के साथ असमानताओं को खत्म करने की मांग की जिस पर सरकार ने कहा है कि एससी/एसटी/ओबीसी को राज्य पात्र में शामिल करना या नहीं करना संसद के द्वारा तय किया गया है. 
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो उन्होंने फिर से बिल पर वोटिंग की मांग की लेकिन केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बीच हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस पर वोटिंग की इजाज़त नहीं दी जाती है. उपसभापति हरिवंश ने रूल बुक देखने के बाद ये कहा कि ‘एक बार प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसे रोका नहीं जा सकता है.’ इस जवाब पर विपक्ष ने उनकी काफी सराहना की और मेंज को तप्तपाकर उनका स्वागत किया और उनकी तारीफ की. इसके बाद वोटिंग हुई और पक्ष में 32 वोट मिले और विपक्ष को 60 वोट मिलने से बिल रिजेक्ट हो गया.
उपसभापति के चुनाव के दिन पीएम मोदी ने हरिवंश की काफी तारीफ की थी और इसी के बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था, ‘हरिवंश जी पहले एनडीए के प्रत्याशी थे, लेकिन चुनाव जीतने और उपसभापति बनने के बाद यह पूरे सदन के हो गए हैं किसी एक पार्टी के नहीं. वह अपना काम अच्छे से करें, हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं.’ राज्यसभ ने भी उपसभापति चुना जाने पर बधाई दी.
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