मीडिया से बातचीत में आशा ने आरोप लगाया कि उनके पिता ने हमेशा उनके भाई चिराग पासवान को ही आगे बढ़ाने के बारे में सोचा है. आशा के मुताबिक उनकी अनदेखी की गई, क्योंकि उनके पिता बेटियों के साथ भेदभाव करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि चिराग को पार्टी का संसदीय अध्यक्ष बनाए जाने पर भी मैंने कुछ नहीं कहा था, लेकिन अगर अब मुझे RJD का टिकट मिला तो मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं.