भारतीय जनता पार्टी के नेता वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की अफवाहें अक्सर चर्चा में रहती है। हालांकि, इन अफवाहों को लेकर वरुण गांधी भी साफ चुके हैं कि वो भाजपा छोड़कर कही नहीं जा रहे हैं। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पहली बार अपने चचेरे भाई वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर पहली बार बयान दिया है। शुक्रवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जब राहुल गांधी से वरुण गांधी के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।’
बता दें कि राहुल गांधी के चचेरे भाई वरुण गांधी भाजपा नेता हैं और वो यूपी की सुल्तानपुर सीट से लोकसभा सांसद हैं। जबकि वरुण की मां मेनका गांधी मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं।
इससे पहले राहुल गांधी ने तमांडो मिनी स्टेडियम में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरएसएस और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने अभी तक मुझे जो अपशब्द कहे हैं वो मेरे लिए उपहार के समान है। राहुल ने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता, लेकिन उनकी और मेरी विचारधारा अलग है, मैं उनसे लड़ता रहूंगा। आप मुझसे कितनी भी नफरत करें, लेकिन मैं आपसे प्यार से ही बात करूंगा।
राहुल गांधी ने कहा कि इस सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए कुछ नही किया। आरटीआई और लोकपाल को भुला दिया गया है। आरटीआई मध्यम वर्ग का हथियार हुआ करता था लेकिन आज सरकार ने इसे नष्ट कर दिया है।राहुल ने कहा हम लोगों को सुनते हैं। मिस्टर नरेंद्र मोदी की तरह नहीं जो सोचते हैं कि उन्हें सब कुछ पता है, प्रतिक्रिया की कोई गुंजाइश ही नहीं है। यह हमारे और भाजपा के बीच बुनियादी अंतर है। यह कहना उचित नहीं है कि सभी दल मध्यम वर्ग की उपेक्षा करते हैं। उदारीकरण की हमारी नीति ने मध्यम वर्ग का पुनर्निर्माण किया है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के एकाधिकार और कब्जे को चुनौती देने की जरूरत है। राहुल ने कहा आरएसएस देश के सभी प्रजातांत्रिक संस्थाओं में घुसपैठ कर रही है। केंद्र में मंत्रियों के ओएसडी की नियुक्ति भी नागपुर से हो रही है। कांग्रेस संस्थाओं की स्वतंत्रता में विश्वास रखती है।
राहुल ने कैलाश यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि चीन के कुछ मंत्रियों से मेरी मुलाकात हुई और उनसे मेरी जॉब क्रिएशन पर चर्चा हुई। उन्होंने मुझसे कहा कि चीन में हमारे लिए रोजगार का सृजन समस्या नहीं है। भारत में रोजगार की समस्या बहुत बड़ी है। गुजरात और ओडिशा मॉडल एक ही तर्ज पर चलते हैं। हम नौकरशाही की तानाशाही नहीं चाहते। हम जनता का लोकतांत्रिक राज्य चाहते हैं।
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