नई दिल्ली । रिजर्व बैंक ने रीपो रेट में 0.25% की कटौती की घोषणा की। केंद्रीय बैंक के इस फैसले की हर कोई प्रशंसा कर रहा है। कटौती की घोषणा के साथ ही शेयर बाजार में उछाल देखा गया और मिड कैप शेयरों की खरीदारी में जोरदार तेजी आ गई। अब एक्सपर्ट्स का सवाल है कि क्या बैंक ब्याज दरों में कटौती का फायदा आम लोगों तक पहुंचाएंगे?
आइए जानते हैं मौद्रिक नीति से जुड़ी अहम बातें…
1. खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2017 तक 5% रहने का अनुमान, इसके इससे ऊंचे रहने का भी जोखिम।
2. रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
3. एमपीसी का निर्णय नरम मौद्रिक नीति के रुख के अनुरूप: आरबीआई।
4. जीएसटी का महंगाई पर एक बार असर होगा
5. महंगाई दर का लक्ष्य 4% (+ – 2%) बरकरार।
6. जनवरी-मार्च में महंगाई दर 5.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद।
7. 4 प्रतिशत महंगाई दर के लिए कड़ी नजर।
8. CRR बिना बदलाव के 4% पर स्थिर।
9. 1-2 तिमाही में लेंडिंग रेट घटने की उम्मीद।
10. MCLR फॉर्म्युले से बैंकों को दरें घटाने का और मौका मिलेगा।
11. मनी मार्केट में कटौती का ट्रांसमिशन ज्यादा हुआ।
12. बैंकों ने उम्मीद से कम कटौती की।
13. लघु बचत योजनाओं की दरों में कटौती से बैंक कर्ज सस्ता करने को प्रोत्साहित होंगे।
14. रिजर्व बैंक सरकार के साथ विचार-विमर्श करके स्टार्ट-अप कंपनियों को हर साल तीस लाख डॉलर तक विदेशी वाणिज्यिक ऋण जुटाने की छूट देगा।
15. नोटों-सिक्कों के लाने-ले जाने के दौरान सुरक्षा मजबूत बनाने के लिये उच्च स्तरीय समिति गठित होगी।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति पर वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा….
1. रिजर्व बैंक और मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी का यह फैसला लिक्वडिटी और मार्केट सेंटिमेंट को बढ़ावा देगा।
2. MPC का फैसला इकॉनमी में सुधार को दर्शाता है।
3. कई सेक्टरों में सुधार हुआ है।
4. RBI और सरकार के बीच महंगाई दर को लेकर कोई मतभेद नहीं।
5. इकॉनमी का मूड सुधरा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद।